वर्ष 2020 तक 4 करोड़ 60 लाख घरों में होगा फ्री टीवी का इस्तेमाल: रिपोर्ट
2017 में कुल टीवी घरों की संख्या 183 मिलियन है जो कि 2020 तक 200 मिलियन तक पहुंचने का अनुमान है
नई दिल्ली (जेएनएन)। भारत में टीवी घरों की संख्या और डीडी फ्रीडिश उपभोक्ताओं में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इसके साथ ही ग्रामीण दर्शकों की भी बढ़ती संख्या ने देश में फ्री टीवी मार्किट में तेजी से विकास के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई है। कंसल्टिंग फर्म ईवाई द्वारा की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक, फ्री-टेलीविजन उद्योग (फ्री डिश और टेरेस्ट्रियल) में 2020 तक टीवी घरों की संख्या मौजूदा 30 मिलियन से बढ़कर 46 मिलियन हो सकती है।
रिपोर्ट में कहा गया:
"India's Free TV market -A game-changing opportunity" नामक एक रिपोर्ट के मुताबिक, "ग्राहक व्यवहार में यह परिवर्तन FTAA (फ्री-टूअर) और टीवी चैनल को तेज करने में काफी प्रभावी होगा साथ ही इसकी सदस्यता आय पर खर्च भी करेगी"। स्टडी के मुताबिक, प्रसारकों ने कई FTA उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है। इनमें शीर्ष के चार प्रसारण नेटवर्क जैसे कि स्टार इंडिया, जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज, सोनी पिक्चर्स, नेटवर्क इंडिया और वायाकॉम 18 ने हिंदी मनोरंजन और फिल्मों जैसे बड़े पैमाने पर FTA चैनलों को लॉन्च किया है।
विज्ञापनदाताओं के लिए खुले अवसर:
इन मुफ्त चैनलों ने विज्ञापनदाताओं के लिए अवसर खोले हैं, जो पहले मुख्यधारा के जनरल मनोरंजन चैनल विज्ञापन दरों के हाई रेट को दे नहीं सकते थे। वे अब कम लागत प्रभावी तरीके से मध्यस्थ आय वाले दर्शकों को टारगेट कर सकते हैं। ब्रॉडकास्टर्स ने मुख्य रूप से गैर-मुम्बई और ग्रामीण इलाकों में अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए FTA चैनलों को लॉन्च किया हैं, क्योंकि BARC इंडिया के ग्रामीण माप अनुपात, दर्शक संख्या माप एजेंसी, अपने पैनल के आकार को 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया था। आज कुल टीवी दर्शकों की संख्या में से, गावों में टीवी दर्शकों की संख्या 52 प्रतिशत है।
टीवी घरों की बढ़ेगी संख्या:
कहा जा रहा है कि भारत में कुल टीवी घरों की संख्या में 2011 में 119 मिलियन से बढ़कर 2017 में 183 मिलियन हो गई है और ये संख्या 2020 तक 200 मिलियन तक पहुंचने की उम्मीद की जा रही है।
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