Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भारत में एंड्रॉयड पे से पहले गूगल ने क्यों लॉन्च किया तेज, ये है कारण

    By Shilpa SrivastavaEdited By:
    Updated: Mon, 25 Sep 2017 03:40 PM (IST)

    भारत में डिजिटल पेमेंट का बाजार 500 करोड़ डॉलर होने का अनुमान है। इस बाजार में अपनी पैठ बनाने के लिए गूगल ने हाल में ही तेज एप को लॉन्च किया है

    भारत में एंड्रॉयड पे से पहले गूगल ने क्यों लॉन्च किया तेज, ये है कारण

    नई दिल्ली (जेएनएन)। गूगल ने भारतीय बाजार में तेज मोबाइल वॉलेट लॉन्च किया है। भारत के यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआइ) पर आधारित तेज एप के जरिये यूजर बिना शुल्क दिए बैंक खाते से पैसा दूसरे को ट्रांसफर कर सकेंगे। इसे एंड्रॉयड और आईओएस पर उपलब्ध कराया गया है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि गूगल ने एंड्रॉयड पे के बजाय भारत में तेज एप क्यों लॉन्च किया है। जानें इसके पीछे की वजह:

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उपलब्ध तकनीक:

    गूगल के सीनियर एग्जीक्यूटिव सीजर सेनगुप्ता ने कहा कि फिलहाल कंपनी का एंड्रॉयड पे लॉन्च करने का कोई इरादा नहीं है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि भारत में एंड्रॉयड पे लाने के लिए एनएफसी आधारित स्मार्टफोन्स और कंपेटिबल प्वाइंट-ऑफ-सेल टर्मिनल्स की आवश्यकता होगी जो अभी भारत में काफी कम है। भारत में 1.3 बिलियन लोगों में से केवल 25 मिलियन लोगों के पास ही क्रेडिट कार्ड हैं। ऐसे में एंड्रॉयड पे और एप्पल पे (जो कि क्रेडिट कार्ड लिंक्ड पेमेंट एप्स हैं) का भारतीय यूजर्स के बीच सफल हो पाना बेहद मुश्किल है।

    भारतीय उपभोक्ता डेबिट कार्ड का करते हैं अधिक प्रयोग:

    भारत की करीब आधी जनसंख्या डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करती है। जबकि कई बिजनेस अभी भी केवल नकद भुगतान ही लेते हैं। इसी के चलते गूगल ने बैंक अकाउंट्स को तेज एप से लिंक किया और पी2पी पेमेंट के लिए AQR टेक को पेश किया है। इस एप को कई मुख्य बैंकों के साथ लिंक किया गया है जो यूपीआइ को सपोर्ट करते हैं। इसमें प्रति यूजर 20 बार लेन-देन या 1,00,000 रुपये की लिमिट दी गई है।

    500 बिलियन डॉलर यानी करीब 50,000 करोड़ डॉलर का मार्किट:

    गूगल और बीसीजी ने अनुमान लगाया है कि वर्ष 2020 तक भारत में आधे से ज्यादा इंटरनेट यूजर्स डिजिटल भुगतान का इस्तेमाल करने लगेंगे। इससे भारतीय डिजिटल पेमेंट इंडस्ट्री 500 बिलियन डॉलर यानी करीब 50,000 करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगी। हालांकि, गूगल एक अकेली कंपनी ऐसी नहीं है जो इस बाजार में अपने कदम बढ़ा रही है। ऐसे में पहले कंपनी भारतीय मार्किट में अपनी पैठ जमाना चाहती है। इसके बाद ही वो एंड्रॉयड पे को भारत में लॉन्च करने के बारे में सोचेगी। आपको बता दें कि अमेजिन और पेपाल ने भी भारत में मोबाइल वॉलेट के लाइसेंस के लिए अप्लाई किया था। अमेजन को मार्च में लाइसेंस मिल चुका है। जबकि पेपाल को अभी लाइसेंस प्राप्त नहीं हुआ है। भारत में पहले से ही पेटीएम और फोनपे जैसे मोबाइल वॉलेट कंपनियां मौजूद हैं। वहीं, इस साल के अंत तक एप्पल पे भी भारत में दस्तक दे देगा। लेकिन कंपनी एनएफसी टेक को छोड़ने या संशोधित करने की योजना नहीं बना रहा है। बल्कि यह भारतीय व्यापारियों और बैंकों के साथ एनएफसी टर्मिनल्स को स्थापित करने पर काम कर रही है।

    इकोसिस्टम में वृद्धि:

    अभी यह कहना मुश्किल है कि तेज एप रेवन्यू जनरेट कैसे करेगी क्योंकि यूपीआइ सिस्टम के जरिए लेन-देन बिल्कुल फ्री है। लेकिन गूगल दूसरे प्रोजेक्ट्स की तरह रेवन्यू बनाने से पहले ईकोसिस्टम बना रहा है जिससे वो मार्किट में अपनी मजबूत पहचान बना सके। अगर तेज एप भारतीय मार्किट में पैर जमाने में कामयाब होता है तो गूगल रिटेल पाटर्नर्स से अतिरिक्त फीचर्स के लिए शुल्क लेना शुरू कर सकता है।

    यह भी पढ़ें:

    ये हैं साल 2017 के बेहतरीन फ्री यूट्यूब वीडियो कनवर्टर

    महिलाओं के लिए खास हैं ये 10 एप्स, लाइफ को बनाती है और आसान

    सोशल प्लेटफॉर्म पर आपकी चैट रहेगी सेफ, कीजिए इस एप्लीकेशन का इस्तेमाल
     

    comedy show banner
    comedy show banner