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    427 साल बाद आया ऐसा संयोग जो शुभदायी साबित होगें

    By Preeti jhaEdited By:
    Updated: Tue, 20 Sep 2016 01:23 PM (IST)

    पितृ पक्ष का घटना व नवरात्रि का बढ़ना शुभ संकेत पंडितों के अनुसार श्राद्ध पक्ष का एक दिन कम होना और नवरात्रि का एक दिन बढ़ना शुभ संकेत दे रहा है। यह साल शुभ संदेश लेकर आ रहा है।

    इस बार पितृ पक्ष 16 दिनों के बजाय 15 दिन का होगा, क्योंकि दो तिथि एक ही दिन पड़ रही हैं। इसके अलावा श्राद्ध पक्ष खत्म होने के बाद नवरात्रि 9 दिन के बजाय 10 दिन तक मनाई जाएगी। इसका कारण एक तिथि का दो दिन पड़ना है। पितृ पक्ष में एक दिन का घटना और नवरात्रि में एक दिन का बढ़ना यह संयोग करीब 427 साल बाद बन रहा है। इससे पूर्व यह संयोग 1589 में बना था और अब यह सयोग पुनः साढ़े चार सौ साल बाद बनेगा।

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    पितृ पक्ष का घटना व नवरात्रि का बढ़ना शुभ संकेत पंडितों के अनुसार श्राद्ध पक्ष का एक दिन कम होना और नवरात्रि का एक दिन बढ़ना शुभ संकेत दे रहा है। व्यापारियों के लिए यह साल शुभ संदेश लेकर आ रहा है। साथ ही भगवान पर भरोसा करके पूरी लगन के साथ मेहनत करने वालों के लिए भी शुभदायी साबित होगा और सफलता मिलेगी। अष्टमी-नवमी एक ही दिन पितृ पक्ष में सोमवार को तृतीया व चतुर्थी का श्राद्ध एक साथ मनाया गया। अब 24 सितंबर को अष्टमी व नवमी तिथि एक साथ आ रही है। जिन जातकों के पितरों का श्राद्ध अष्टमी व नवमी तिथि पर आता है, वे सुबह अष्टमी और दोपहर बाद नवमी का श्राद्ध करेंगे। इस वजह से पितृ पक्ष में एक दिन कम हो गया है।

    दुर्गा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है सबसे शक्तिशाली

    नवरात्रि में तृतीया दो दिन पड़ेगी नवरात्रि 1 अक्टूबर से शुरू हो रहा है, जो 10 अक्टूबर तक चलेगा। सालों बाद नवरात्रि नौ के बजाय 10 दिनों तक मनाई जाएगी। नवरात्रि में तृतीया तिथि दो दिन तक 3 व 4 अक्टूबर को मनाई जाएगी। 11 वें दिन दशहरा मनाया जाएगा। पितृ पक्ष की तिथियां दिनांक तिथि 16 सितंबर पूर्णिमा 17 सितंबर प्रतिपदा 18 सितंबर द्वितीया 19 सितंबर तृतीया व चतुर्थी 20 सितंबर पंचमी 21 सितंबर षष्ठी 22 सितंबर सप्तमी 23 सितंबर अष्टमी 24 सितंबर नवमी 25 सितंबर दशमी 26 सितंबर एकादशी, 27 सितंबर द्वाद्वशी 28 सितंबर त्रयोदशी 29 सितंबर चतुर्दशी 30 सितंबर अमावस्या सर्व पितृ मोक्ष नवरात्र की तिथियां 1 अक्टूबर प्रतिपदा 2 अक्टूबर द्वितीया 3 अक्टूबर तृतीया 4 अक्टूबर तृतीया 5 अक्टूबर चतुर्थी 6 अक्टूबर पंचमी 7 अक्टूबर षष्ठी 8 अक्टूबर सप्तमी 9 अक्टूबर अष्टमी 10 अक्टूबर नवमी 19 सितंबर।

    श्राद्ध पक्ष में अगर ऐसा कुछ हो तो समझ जाए प‌ितर आपके पास हैं और कुछ कहना चाहते हैं