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मट्टन सूर्य मंदिर की सुरक्षा को लेकर पंडितों ने किया प्रदर्शन

कश्मीर के अनंतनाग जिले में पवित्र तीर्थस्थल मट्टन में तेरह जुलाई को दो समुदायों के बीच मंदिर की कुछ भूमि को कब्जाने की कोशिश में हुई झड़प के चलते पांच दिन से बंद पड़े अष्ट अश्वरोहण सूर्य मंदिर के द्वार खोलने व मंदिर की सुरक्षा को लेकर कश्मीरी पंडितों ने बृहस्पतिवार को जानीपुर इलाके में पुलिस थाने

By Edited By: Published: Fri, 18 Jul 2014 06:10 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jul 2014 06:11 PM (IST)
मट्टन सूर्य मंदिर की सुरक्षा को लेकर पंडितों ने किया प्रदर्शन

जम्मू, जागरण संवाददाता। कश्मीर के अनंतनाग जिले में पवित्र तीर्थस्थल मट्टन में तेरह जुलाई को दो समुदायों के बीच मंदिर की कुछ भूमि को कब्जाने की कोशिश में हुई झड़प के चलते पांच दिन से बंद पड़े अष्ट अश्वरोहण सूर्य मंदिर के द्वार खोलने व मंदिर की सुरक्षा को लेकर कश्मीरी पंडितों ने बृहस्पतिवार को जानीपुर इलाके में पुलिस थाने के समक्ष प्रदर्शन किया।

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पुरोहित सभा मार्तण्ड के बैनर तले प्रदर्शनकारियों ने गीताश्रम मुट्ठी के स्वामी कुमार जी के नेतृत्व में सरकार से मंदिर की सुरक्षा सेना को सौंपने की मांग की। उन्होंने कहा कि तेरह जुलाई को हुई झड़पों के बीच मंदिर की सुरक्षा के लिए तैनात सीआरपीएफ व जेकेपी के जवानों ने संदेहास्पद भूमिका निभाई। प्रदर्शनकारियों ने अनंतनाग जिला प्रशासन की भूमिका को भी सवालों के घेरे में लेते हुए जोर-शोर से नारेबाजी की। प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल हुई। प्रदर्शनकारियों में सभा के पूर्व प्रधान एके सिद्धा ने भी मट्टन के सूर्य मंदिर को खोलने की मांग करते हुए कहा कि मंदिर पितरों का पिंड-दान तथा श्राद्ध करने के लिए समूचे भारत में अहम तीर्थस्थल है। उन्होंने कहा कि यह पंडितों की वापसी को रोकने के लिए की गई साजिश का एक हिस्सा है। उन्होंने कहा कि झड़पों के लिए जिम्मेदार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने और दोषियों को शह देने व समुचित कार्रवाई न करने वालों का तबादला किया जाए।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश लागू करें

जम्मू, जागरण संवाददाता। पुरोहित सभा मार्तण्ड, कश्मीर ने वादी में मंदिरों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन द्वारा अपनाए गए रवैये की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि सरकार को वर्ष 1995 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों को जल्द से जल्द लागू करना चाहिए।

पत्रकारों से बातचीत में सभा के महासचिव वीर पंडिता ने कहा कि कश्मीर के मंदिरों की सुरक्षा खतरे में है। इस बात का अंदाजा तेरह जुलाई को मट्टन स्थित सूर्य मंदिर में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी मट्टन के सदस्यों द्वारा मंदिर पर किए गए हमले से लगाया जा सकता है। पंडिता ने कहा कि वह वर्षो से निशान साहिब का सम्मान उसी परंपरा से करते आ रहे हैं जैसे सिख समुदाय के लोग करते आ रहे हैं। उन्हीं के पूर्वजों ने ही सिख समुदाय को गुरुद्वारा बनाने के लिए जगह दी थी। उन्होंने कहा कि प्रशासन के नोटिस में सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर मंदिर की भूमि पर कब्जा करने की बात लाई गई थी, लेकिन बजाय कोई कार्रवाई करने के प्रशासन मूकदर्शक बना रहा। पंडिता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आर्डर में स्पष्ट आदेश दिया गया है कि बिना मंदिर प्रबंधन की अनुमति के सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी कोई भी काम नहीं कर सकती है। सिख समुदाय ने मंदिर पर हल्ला बोल कर मंदिर की भूमि पर कब्जा करने के प्रयास को अंजाम दिया लेकिन सरकार ने अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं की है।

मट्टन में पंडितों की भूख हड़ताल जारी

जम्मू। सूर्य मंदिर मट्टन की भूमि को कब्जाने के लिए किए गए सिख समुदाय द्वारा मंदिर की आस्था के साथ खिलवाड़ व मंदिर पर पथराव करने के विरोध में पुरोहित सभा मार्तण्ड के सदस्य पिछले पांच दिन से मंदिर के सामने भूख हड़ताल पर बैठे हैं। सभा के प्रधान एमके जोगी ने कहा कि मंदिर पर हमला सोची-समझी साजिश के तहत था। दोनों समुदायों के बीच कोई तनाव नहीं था। मंदिर परिसर के साथ बनाए गए दो कमरे सभा के पूर्वजों ने दिए थे और उसके साथ लगती खुली जगह भी उनकी ही थी, लेकिन वह मंदिर परिसर के साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं कर सकते थे। ऐसा सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 1995 में अपने फैसले में निर्देश दिया था। मंदिर परिसर के किसी भी हिस्से से छेड़छाड़ करने से पहले पुरोहित सभा मार्तण्ड की अनुमति लेना आवश्यक है।

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