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इस तरह पितृ पक्ष में महालक्ष्मी को प्रसन्न कर अपनी आर्थिक परेशानी दूर कर सकते हैं

पितृ पक्ष का अर्थ केवल पितरों को खुश करने से जुड़ा है, लेकिन भाद्रपक्ष की शुक्ल अष्टमी जिसे राधा अष्टमी कहा जाता है, से लेकर श्राद्ध की अष्टमी तक महालक्ष्मी की विशेष कृपा बरसती है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 20 Sep 2016 12:34 PM (IST)Updated: Wed, 21 Sep 2016 09:36 AM (IST)

पितृ पक्ष की शुरुआत हो गई है। हिन्दू धर्म में यंं तो जीवन को एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है, लेकिन ऐसा करते हुए मृत परिजनों की आत्मा की शांति के लिए और उनसे आशीर्वाद ग्रहण करने को भी विशेष महत्व दिया जाता है। जन्म-मरण सब प्रकृति का खेल है। हम इंसान केवल जन्म की खुशियां और मृत्यु के बात परिजन की आत्मा की शांति के प्रार्थना कर सकते हैं।

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हर हिन्दू परिवार में श्राद्ध पक्ष विशेष महत्व रखता है। हर कोई ये चाहता है कि उनके द्वारा किया गया दान-पुण्य उनके पूर्वजों तक पहुंचे और उनकी आत्मा को शांति मिले।

लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि पितृ पक्ष में आप महालक्ष्मी को प्रसन्न कर अपनी आर्थिक परेशानियों का भी नाश कर सकते हैं।

सामान्यतौर पर यही माना जाता है कि पितृ पक्ष का अर्थ केवल पितरों को खुश करने से जुड़ा है, लेकिन भाद्रपक्ष की शुक्ल अष्टमी जिसे राधा अष्टमी कहा जाता है, से लेकर श्राद्ध की अष्टमी तक महालक्ष्मी की विशेष कृपा बरसती है। बस जरूरत होती है देवी लक्ष्मी को प्रसन्न कर उनसे आशीर्वाद ग्राहण करने की और ये कैसे संभव है, इसका उपाय हम आपको बताएंगे।

हिन्दू धर्म में स्त्री को लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है, इसलिए जब भी घर में बेटी का जन्म होता है तो यही कहा जाता है कि लक्ष्मी आई है। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार घर की बेटी को सप्ताह के विभिन्न दिनों में विशेष प्रकार का भोजन करवाने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और परिवार पर धन की वर्षा करती है।

शुक्रवार के दिन अपनी बेटी को मखाने की खीर खिलाएं।

शनिवार के दिन बादाम का हलवा खिलाना शुभ रहेगा।

रविवार के दिन उसे शहद भेंट करें।

सोमवार के दिन चावल की खीर दें।

मंगलवार को इमरती देना शुभ है।

बुधवार के दिन साबूदाने की खीर खिलाएं।

गुरुवार के दिन बेसन का हलवा देना शुभ है।

अगर दुर्भाग्यवश घर में कोई कन्या या स्त्री ना हो तो किसी भी ब्राह्मण सुहागन स्त्री को कलश, इत्र, जरकन, आटा, शक्कर और घी भेंट करें।इसके अलावा किसी कुंवारी कन्या को नारियल, मिश्री, मखाने भेंट करना उचित रहेगा। ऐसा करने से महालक्ष्मी अवश्य प्रसन्न होंगी। इसके अलावा ये सभी सामग्रियां आप चाहें तो अपनी बेटी को भी दे सकते हैं।

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