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    भारत का सबसे धनी मंदिर है लक्ष्मीपति तिरूपति-बालाजी

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    Updated: Tue, 09 Apr 2013 05:07 PM (IST)

    भारत का सबसे धनी और संसार के सबसे धनी मंदिरों में आंध्रप्रदेश में तिरूपति नामक स्थान पर भगवान विष्णु [वैंकटेश] का मंदिर है। तमिल भाषा में तिरू अथवा थिरू शब्द का वही अर्थ है जो संस्कृत में श्री है। श्री शब्द, धन-समृद्धि की देवी लक्ष्मी के लिये प्रयुक्त होता है।

    [प्रीति झा]। भारत का सबसे धनी और संसार के सबसे धनी मंदिरों में आंध्रप्रदेश में तिरूपति नामक स्थान पर भगवान विष्णु [वैंकटेश] का मंदिर है।

    तमिल भाषा में तिरू अथवा थिरू शब्द का वही अर्थ है जो संस्कृत में श्री है। श्री शब्द, धन-समृद्धि की देवी लक्ष्मी के लिये प्रयुक्त होता है।

    भगवान विष्णु को अनेक रूपों में पूजा जाता है। कहीं श्रीराम के रूप में तो कहीं श्रीकृष्ण के रूप में। तिरूपति बालाजी भी भगवान विष्णु का ही एक रूप हैं। भगवान तिरूपति बालाजी का मंदिर दक्षिण भारत में स्थित है। इस मंदिर को देश का सबसे अमीर मंदिर होने का भी दर्जा प्राप्त है। यह एक मात्र ऐसा मंदिर है जहां सबसे अधिक चढ़ावा आता है।

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    कहतें हैं कि जो भी दिल से इनसे मन्नतें मांगते भगवान तिरूपति बालाजी भक्तों की मन्नतें पूरी करते हैं और भक्त भेंट स्वरूप अपने बाल और धन भगवान को अर्पित करते हैं। भगवान तिरूपति के मंदिर में पूरे वर्ष समान भीड़ रहती है।

    वैंकटेश भगवान को कलियुग में बालाजी नाम से भी जाना गया है। तीर्थयात्रियों की संख्या की दृष्टि से रोम [वेटिकन], मक्का और जेरूसलम की तीर्थयात्रा करने वाले यात्रियों की तुलना में अधिक संख्या में श्रद्धालु तिरूपति बालाजी की तीर्थयात्रा प्रतिवर्ष करते हैं। तिरूपति देवस्थान बोर्ड में लगभग पच्चीस हजार कर्मचारी नियुक्त हैं। इस मंदिर में सर्वाधिक चढ़ावा आना अपने आपमें व्यक्त करता है कि जनसाधारण की मनोकामनाएं और कष्ट निवारण हेतु इसकी महत्ता स्वयंसिद्ध है।

    भारत के धनी मंदिरों की लिस्ट में तिरुपति बालाजी शीर्ष पर हैं। तिरुपति के खजाने में लगभग आठ टन ज्वेलरी है। 650 करोड़ रुपए की वार्षिक आय के साथ तिरूपति बालाजी भारत में सबसे अमीर देवता है। ऐसा माना जाता है कि अलग-अलग बैंकों में मंदिर का 3000 किलो सोना जमा और मंदिर के पास 1000 करोड़ रुपए फिक्स्ड डिपॉजिट है।

    300 ईसवी के आसपास बने भगवान विष्णु के वेंकटेश्वर अवतार के इस मंदिर में रोज करीब हजारों लोग आते हैं। साल के कुछ खास दिनों विशेषकर नवरात्र के दिनों में तो यहां लाखों तक लोग हर दिन दर्शन करने पहुंचते है। बड़ी संख्या में यहां सिर्फ श्रद्धालु ही नहीं आते, बल्कि उनका चढ़ावा भी बहुत भारी-भरकम होता है।

    नवरात्र के दिनों में ही 12 से 15 करोड़ रुपए नकद और कई मन सोना चढ़ जाता है। बालाजी के मंदिर में इस समय लगभग 50,000 करोड़ रुपए की संपत्ति मौजूद है। तिरुपति के बालाजी दुनिया के सबसे धनी देवता हैं, जिनकी सालाना कमाई 600 करोड़ रुपए से ज्यादा है। यहां चढ़ावे को इकट्ठा करने और बोरियों में भरने के लिए बाकायदा कर्मचारियों की फौज है। पैसों की गिनती के लिए एक दर्जन से ज्यादा लोग मौजूद हैं। ये स्थिति तब थी जब अंग्रेज भारत आए थे वे बालाजी मंदिर की शानो-शौकत और चढ़ावा देखकर दंग रह गए थे।

    वर्ष 2008-09 का बालाजी मंदिर का बजट 1925 करोड़ था। इस मंदिर की देखरेख करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट ने 1000 करोड़ रुपए की फिक्स डिपोजिट कर रखी है। कुछ महीनों पहले कर्नाटक के पर्यटन मंत्री जनार्दन रेड्डी ने हीरा जडि़त 16 किलो सोने का मुकुट भगवान बालाजी को चढ़ाया था। जिसकी घोषित कीमत 45 करोड़ रुपए थी।

    तिरुपति के पास भारत में सबसे ज्यादा सोना है।

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