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    SYL नहर विवाद: नेता खूब करते थे कुर्बानी अब मोर्चे से गायब

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Fri, 24 Feb 2017 09:05 AM (IST)

    एसवाइएल पर पंजाब में चुनाव के दौरान और उससे पहले ख्‍ूाब राजनीति हुई, सभी दलों के नेताओं ने कुर्बानी देेने के जमकर दावे किए, लेकिन मोर्चा आया तो नदारत नजर आए।

    SYL नहर विवाद: नेता खूब करते थे कुर्बानी अब मोर्चे से गायब

    पटियाला, [पंकज राय]। एसवाइएल नहर के पानी को लेकर हालिया हुए विधानसभा चुनाव में किसानों के हितैषी बनने वाले सारे सियासी चेहरे वीरवार को पूरे प्रकरण से नदारद रहे। कांग्रेस, अकाली दल, भाजपा हो या फिर आम आदमी पार्टी के नेता, कल तक पानी की एक बूंद पर कुर्बानी देने का दंभ भरने वाले नेता ना एसवाइएल से लगते किसी गांव में पहुंचे और न ही शंभू बॉर्डर पर।

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    किसी भी पार्टी के नेता नहीं पहुंचे सहमे किसानों का हाल जानने

    विधानसभा चुनाव से पहले एसवाइएल नहर विवाद पर परनीत कौर कांग्रेसी विधायकों के साथ बनूड़ में नहर में मिट्टी भरवाने गई थीं। उनके साथ जाने वाले घनौर के पूर्व विधायक मदनलाल जलालपुर अपने हलके के ही गांव कपूरी में नजर नहीं आए, जहां के किसान इनेलो वर्करों की ओर से नहर की खुदाई के लिए आ धमकने की आशंका से पूरे दिन सहमे रहे।

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    इसके साथ ही राजपुरा के कांग्रेस विधायक हरदयाल कंबोज अपने हलके के ही शंभू बॉर्डर तक नहीं पहुंच सके, जहां नहर की खुदाई को रोकने के लिए पूरे दिन मोर्चा लगा रखा था। यही हाल अकाली दल का रहा, जहां यूथ अकाली दल के दोआबा जोन के प्रधान हरपाल जुनेजा चार माह पहले डिच मशीन लेकर नहर भरने पहुंचे थे, लेकिन चार दिन से दहशत में जी रहे किसानों का कोई हाल पूछने नहीं पहुंचा।

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    कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया तो समागम कर गांव कपूरी में नहर की जमीन के इंतकाल के कागजात किसानों को सौंपकर खेती करने का एलान करके गए थे, लेकिन अब वही किसान इन नेताओं की बेरुखी से अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं।

    आम आदमी पार्टी के टिकट पर घनौर हलके से विधानसभा चुनाव लड़ने वाली अनु रंधावा ने अक्टूबर माह में गांव कपूरी के पास एक पखवाड़ा तक धरना दिया था, जहां सांसद भगवंत मान से लेकर आप के पंजाब प्रभारी संजय सिंह तक किसानों का हितैषी बताने पहुंचे थे, लेकिन अब कोई नहीं पहुंचा।

    कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चंडीगढ़ से बयान जारी कर अपनी मौजूदगी जरूर दर्ज कराई, लेकिन चुनाव के दौरान किए गए दावों के अनुरूप किसी गांव या किसानों के हमदर्द बनने की जहमत नहीं उठा सके। वहीं, निर्दलीय विधायकों बलविंदर बैंस व सिमरजीत सिंह बैंस ने जरूर विरोध जताया। उन्हें सरहिंद अनाज मंडी के पास गिरफ्तार कर लिया गया।

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