एयरपोर्ट पर हुई आंखें चार, पंजाब के जाहिद को अफगानिस्तान की नीलोफर ने किया कुबूल
नीलोफर अफगान की अफगान और पंजाब के जाहिद की मुलाकात एयरपोर्ट पर हुई थी। जो बाद में बातचीत के जरिये प्यार में तब्दील हो गई। अब नीलोफर ने 11 रुपये की मेहर पर निकाह कबूल किया है।
पटियाला [संजय वर्मा]। अफगानिस्तान की नबीजादा फरिश्ता उर्फ नीलोफर ने पंजाब के नाभा के जाहिद अली के साथ मात्र 11 रुपये की मेहर पर निकाह कुबूल कर लिया। तमाम संसाधन होने के बावजूद जाहिद ने बाइक को डोली रूप में पेश कर अपने प्रेम और सादगी का इजहार किया तो नीलोफर भी खुशी से पीछे बैठ गई। नवदंपती करीब तीन माह पहले इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर मिले थे। बातों-बातों में प्यार हो गया और एयरपोर्ट से शुरू हुई मोहब्बत ने सरहद की दीवार तोड़ दी।
अफगानिस्तान में एमबीबीएस की स्टूडेंट नबीजादा फरिश्ता उर्फ नीलोफर दिल्ली में बास्को यूनिवर्सिटी में इंग्लिश की कोचिंग ले रही है। करीब तीन माह पहले वह दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर अपने चाचा का इंतजार कर रही थी। उसके चाचा अफगानिस्तान से उसको कुछ सामान देने आ रहे थे। उसी समय भारतीय पंजाब के नाभा निवासी जाहिद अली दो साल के बाद इंग्लैंड से वतन वापस लौट रहे थे।
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फ्लाइट से उतरने के बाद लगेज लेते हुए जाहिद की नजर नीलोफर पर पड़ी। जाहिद ने तभी नीलोफर को अपना बनाने का इरादा कर लिया। इस दौरान जाहिद ने नीलोफर से मिलने आए रिश्तेदारों से बात की। इसके बाद नीलोफर से भी उसकी बातचीत हुई। इसके बाद दोनों के बीच अक्सर बातचीत का सिलसिला चल पड़ा।
जाहिद ने बताया कि नीलोफर के पिता अफगान आर्मी में हैं। नीलोफर भी पहले अफगान में ही कॉलेज में पढ़ती थी। बाद में वह यूएन ऑफिस की ओर से भारत में एमबीबीएस करने आई। वह एमबीबीएस सेकेंड ईयर कर चुकी हैं। जाहिद ने कहा कि अफगानिस्तान एक कट्टर देश है और वहां की लड़की को शादी के लिए राजी करना आसान न था, परंतु धीरे-धीरे बात परवान चढ़ी और नीलोफर के पिता ने लिखित सहमति दे दी।
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जाहिद ने कहा कि वह साधारण परिवार से है। उनका परिवार डेयरी के काम से जुड़ा है। वह आइटीआइ पास है। आधुनिक विचार रखने के कारण वह सरहद की दीवार को महत्व नहीं देते। इसलिए मात्र 11 रुपये की मेहर पर उन्होंने नीलोफर को अपना बनाया। वह नीलोफर को बेदह चाहते हैं और उसको सारी उम्र खुश रखेंगे।
ट्रिपल तलाक पर पाबंदी अच्छा फैसला : जाहिद
जाहिद कहते हैं कि प्यार नसीब की बात है। उनको इस बात की खुशी है कि उनकी शादी से पहले सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिपल तलाक पर अहम फैसला सुनाया है। अफगानिस्तान के लोग कट्टर हैं, परंतु हम बेहद खुले विचारों के हैं। शायद यही वजह है कि मात्र 11 रुपये की मेहर में नीलोफर के घरवाले निकाह के लिए तैयार हुए। नीलोफर की शादी में शामिल होने के लिए उसकी बहन भी नाभा पहुंची है। इस मौके पर विधायक काका रणदीप ङ्क्षसह ने नीलोफर और जाहिद के निकाह पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी पत्नी भी अफगानिस्तान से है। उन्होंने नवदंपती को शगुन भी दिया।
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