सुहाने सफर के लिए 'हमसफर' तैयार, शताब्दी से भी तेज होगी स्पीड
भारतीय रेल देश में पहली बार संपूर्ण एसी ट्रेन की शुरुआत करने जा रहा है। इसका हर कोच थ्री टायर एसी होगा। इस हमसफर ट्रेन की स्पीड राजधानी एवं शताब्दी एक्सप्रेस से तेज होगी।
कपूरथला, [हरनेक सिंह जैनपुरी]। रेल से सफर करने वाले आम यात्रियों के अच्छे दिन आने वाले हैं। कुछ दिनों में रेल यात्री देश की पहली संपूर्ण एसी गाड़ी में तेज गति का आनंद उठा सकेंगे।
भारतीय रेल देश में पहली बार संपूर्ण एसी ट्रेन की शुरुआत करने जा रहा है। इसका हर कोच थ्री टायर एसी होगा। हमसफर नाम से चलने वाली यह ट्रेन राजधानी एवं शताब्दी एक्सप्रेस से लगभग तीस किलोमीटर प्रति घंटा की ज्यादा स्पीड से दौड़ेगी। देश में फिलहाल पांच हमसफर ट्रेन चलाने की योजना है।
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रेल कोच कारखाना कपूरथला (आरसीएफ) में 160 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से दौडऩे वाली हमसफर ट्रेन के बीस कोचों का निर्माण पूरा हो चुका है। इन्हें ट्रायल के लिए 15 जून के बाद नॉर्दर्न रेलवे को सौंपा जाएगा। आरसीएफ के महाप्रबंधक आरपी निबारिया ने बताया कि रेलवे बोर्ड से पांच रैक तैयार करने का ऑर्डर मिला है। एक रैक पूरी तरह तैयार है। बाकी पर काम चल रहा है।
देश में शताब्दी व राजधानी एक्सप्रेस को तेज ट्रेनों में शुमार किया जाता है, जिनकी औसत स्पीड करीब 130 किलोमीटर है। इन ट्रेनों में कुछ जनरल कोच के अलावा लगेज आदि के भी डिब्बे होते हैं, लेकिन हमसफर के सभी बीस कोच एसी थ्री टायर होंगे। इस ट्रेन में जर्मनी की एलएचबी (लिंक हॉफमैन बुश) तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।
कोच में 72 सीटें, ओवन-फ्रिज की सुविधा भी
कोचों में सीटों की संख्या भी बढ़ाई गई है। राजधानी व शताब्दी के एलएचबी कोचों में आम तौर पर 64 सीटें होती हैं, लेकिन हमसफर के यात्रियों के लिए 72 सीटें होंगी। हमसफर में बड़ी पैंट्री की जगह मिनी पैंट्री रहेगी। यात्रियों को खान-पान की हर सुविधा के साथ ओवन व फ्रिज की सुविधा भी मिलेगी।
ढाई करोड़ का एक कोच, यात्रियों को नहीं लगेंगे झटके
इस ट्रेन में डिस्क ब्रेक लगी होगी। सीबीसी जर्क फ्री होने की वजह से झटके भी नहीं लगेंगे। स्वच्छता के मद्देनजर आरसीएफ इन कोचों में डस्टबिन भी लगाएगा। एक कोच पर करीब ढाई करोड़ रुपये की लागत आई है, जबकि आम तौर पर चलने वाले थ्री टायर एसी कोच की लागत सवा करोड़ होती है।