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    देश की पहली हाई स्पीड ट्रेन दौड़ने को तैयार, होंगी शाही सुविधाएं

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Sun, 07 Feb 2016 02:44 PM (IST)

    देश में पहली हाइ स्‍पीड ट्रेन जल्‍द ही चलेगी। इसके कोच कपूरथला के रेल डिब्‍बा फैक्‍टरी में तैयार किए जा रहे हैं। इस ट्रेन में वाइफाई सहित अनेक आधुनिक सुविधाएं उपलब्‍ध होंगी।

    कपूरथला, [हरनेक सिंह जैनपुरी]। भारतीय रेल में जल्द ही हाइ स्पीड ट्रेन में सफर का रोमांच मिलेगा और यह स्पीड भी अनब्रेकेबल होगी। इस ट्रेन शाही सुविधाअों से युक्त होगी और हवाई यात्रा का अहसास देगी। इस ट्रेन के लिए कपूरथला के रेल डिब्बा कारखाना में 220 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से दौडऩे वाले चार कोच तैयार किए हैं। इनको चीते के रंगों से सजाया गया है। डार्क ब्राउन, यैलो व ग्रेय कलर के सुमेल वाले इन डिब्बों के दरवाजे मेट्रो रेल जैसे पूरी तरह आटोमैटिक होगे। पांच किलोमीटर की स्पीड पकड़ते ही दरवाजे खुद ब खुद बंद हो जाएंगे।

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    हाइ स्पीड ट्रेन के कोच के अंदर का भाग।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह पर रेलवे बोर्ड व आरडीएसओ द्वारा कपूरथला के रेल डिब्बा कारखाना में पिछले साल 200 किलोमीटर की स्पीड से दौडऩे वाले कोच तैयार करने को कहा गया था। लेकिन आरसीएफ के इंजीनियरों ने इससे भी तीव्र 220 किलोमीटर तक दौडऩे वाले कोच तैयार कर दिए हैं। इन कोचों का शैल तैैयार हो चुका है और अब फर्निशिंग का काम चल रहा है। चीते से भी दोगुनी स्पीड से दौडऩे वाली इस ट्रेन के डिब्बों को रंग भी चीते वाला ही दिया जा रहा है।

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    हर सीट के पीछे लगे होंगे एलसीडी टीवी और कॉलबेल

    पहले चरण में तैयार किए गए दो एज्जीक्यूटिव चेयर कार और दो एसी चेयर कार कोचों में हर सीट के पीछे मनोरंजन के लिए एलसीडी टीवी लगे होंगे। यात्री अपनी सीट पर बैठ कर अपनी मनपसंद कार्यक्रम देख पाएगे। तमाम सीटों व कोच में एलईडी लाइट की व्यवस्था की गई है। पूरी ट्रेन हाई स्पीड ट्रेन तेज स्पीड इंटरनेट वाले वाइफाई सिस्टम से युक्त होगी। इनके अलावा हर सीट पर काॅलबेल भी लगी होगी। इससे यात्री अाप भोजन अादि का अार्डर दे सकेगे।

    पूरी ट्रेन में हाेगा जीपीएस सिस्टम

    यह पूरी ट्रेन जीपीएस सिस्टम में भी लैस होगी जिसकी एलईडी स्क्रीन पर मैटरों रेल की तरह स्टेशनों का विवरण व अन्य जानकारियां डिस्पले होती रहेगी। जर्मन तकनीक वाले एलएचबी को विकसित कर इनमें आधुनिक इलेक्ट्रो पीनोमैटिक ब्रेकिंग सिस्टम (एयर ब्रेक सिस्टम की जगह वायु व बिजली से चलने वाला ब्रेकिंग सिस्टम) लगाया गया है।

    ट्रेन में हल्का सा भी धुंआ हुआ तो रुक जाएगी

    इन कोचों में आधुनिक स्मोकिंग सिस्टम भी लगा होगा। अगर गाड़ी में कहीं हलका सा भी धुंआ हुआ तो सायरन बजने लगेगा और गाड़ी रुक जाएगी। हवाई जहाज की तरह इस ट्रेन में भी वैक्यूम टाइलट लगी है। वैक्यूम टायलेट वाली यह देश की पहली ट्रेन होगी। यह टायलट किसी फाइव स्टार होटल के शौचालय से कम नहीं होगी। इसमें सेंसर युक्त आधुनिक नल, हैंड ड्राइयर व सोप डिस्पेंसर लगा है। सेंसर से ही यह टूंटी चलेगी और बंद होगी।

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    इस संबंध में आरसीएफ के जनरल मैनेजर आरपी निबारिया का कहना है कि रेलवे बोर्ड की तरफ से अारसीएफ को पिछले साल 2014 के रेलवे बजट में 200 किलोमीटर की स्पीड से दौड़ने वाले बीस कोच तैयार करने का अार्डर मिला था। इनमें 14 एसी चेयरकार, तीन एग्जीक्यूटिव चेयरकार, तीन पावर कार शामिल थे।

    निबारिया ने बताया कि इनमें से दो एग्जीक्यूटिव चेयरकार व दो एसीसी चेयरकार कोच लगभग तैयार हो चुके हैं। इनकी फिनिशिंग का काम चल रहा है। इन डिब्बों के रंग का काम भी हो रहा है। मार्च तक यह चारों कोच पूरी तरह तैयार कर रेलवे बोर्ड को सौंप दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि यह हाई स्पीड कोच में बाहर से कोई शोरगुल, धूल व हवा अादि नहीं जाएगी। सामान रखने के लिए भी हवाई जहाज की तरह व्यवस्था की गई है।

    हाइ स्पीड ट्रेन के कोच का हाइफाई टायलेट।

    उल्लेखनीय है कि आरसीएफ की तरफ से पिछले साल हाई स्पीड ट्रेन के 17 कोचों का एक रैंक तैयार कर उत्तर रेलवे को भेजा गया था। यह कोच 160 किलोमीटर की स्पीड पर चलने के सक्षम थे जिनके ट्रायल दिल्ली से आगरा रेलवे ट्रेक पर किए गए। इन कोचों की कार्यप्रणाली व गुणवत्ता संबंधी रिपोर्ट आने के बाद आरसीएफ में 200 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाले हाई स्पीड ट्रेन के कोचों का काम शुरू हुआ।