पंजाब पुलिस में घोटाला उजागर: भर्ती, पोस्टिंग, प्रमोशन में खाकी का काला खेल
पंजाब पुलिस में भर्ती, प्रमोशन और मनचाही पोस्टिंग के लिए पुलिस, प्रशासन, नेताओं से जुड़े कई बड़े लोगों के बीच गठबंधन का खुलासा हुआ है। यह अब तक सबसे बड़ा ...और पढ़ें

जेएनएन, जालंधर। पंजाब पुलिस में घपले का अब तक का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। पंजाब पुलिस में भर्ती, प्रमोशन और मनचाही पोस्टिंग के लिए पुलिस, प्रशासन, नेताओं से जुड़े कई बड़े लोगों के बीच गठबंधन का भंडाफोड़ हुआ है। ये काम वर्षों से जारी है और इसके लिए करोड़ों रुपये के कालेधन का लेनदेन हुआ।
ये खुलासे पुलिस भर्ती के नाम पर लाखों रुपये लेने के आरोप में फिरोजपुर में दर्ज एफआईआर में नामजद और बड़े पुलिस अधिकारियों के नजदीकी रहे अमनदीप कुमार उर्फ अमन स्कोडा की गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ में हुए हैं। पूछताछ की इन इंटेरोगेशन रिपोटर्स को एक साल से राजनीतिक और प्रशासनिक दबाव के कारण दबा कर रखा गया और कार्रवाई के नाम पर एसआईटी गठित कर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया।
प्रारंभिक जांच रिपोटर्स में सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि पुलिस के उच्चाधिकारी अपनी मनचाही पोस्टिंग के लिए अमनदीप को करोड़ों रुपये देते थे। कई जिलों के एसएसपी साहिबान से मेलजोल इस तरह था कि वहां अधिकतर एसएचओ और चौकी इंचार्ज मेरे कहने पर लगते थे। पठानकोट, जगराओं, मोगा, फिरोजपुर, फाजिल्का, फरीदकोट के एसएसपी तो मेरे (स्कोडा) घर आते-जाते रहते थे।
ऐसे बयान स्कोडा ने गिरफ्तारी के बाद हुई जांच में दिए हैं, जिसमें पुलिस और न्यायपालिका से संबंधित उच्चाधिकारियों पर अंगुली उठाई गई है। जांच में उसने स्पष्ट तौर पर कबूला है कि पुलिस में भर्ती, प्रमोशन और मनचाही पोस्टिंग के लिए उस द्वारा 25 लाख से एक करोड़ रुपये तक में राजनेताओं और बड़े पुलिस अधिकारियों के साथ सेटिंग की जाती थी। ये पैसा निचले स्तर के अधिकारियों से लेकर बड़े स्तर के अधिकारियों तक पहुंचाता था। प्रारंभिक जांच में लगभग ढाई दर्जन के करीब आईपीएस, पीपीएस समेत तीन आइएएस और न्यायपालिका से जुड़े कई बड़े नाम स्कोडा ने लिए।
स्कोडा की कॉन्फेशन सीडी भी बनाई गई
आधिकारिक सूत्रों की मानें तो इन रिपोर्टस को पंजाब विजिलेंस ब्यूरो और इंटेलीजेंस विभाग के साथ भी साझा किया गया था। जिसके बाद टॉप रैंकिंग अफसरों की टीम ने स्कोटा द्वारा इंटेरोगेशन में दर्ज सभी ब्यानों की एक कॉन्फेशन सीडी तैयार कर फाइल में भी लगाई तई। इस सीडी में स्कोडा ने अपने राजनैतिक, पुलिस और न्यायपालिका के उच्चाधिकारियों से गूढ़ संबंधों को कबूलते हुए वह सब काम जो पैसों के एवज में करवाए गए थे, उनका विस्तार से जिक्र किया है।
पकड़े जाने पर आइजी का तबादला और फिर फोन रिकार्डिंग्स डिलीट करवाईं
मालवा के एक जिले में तैनात एसएसपी और उसके रीडर के साथ स्कोडा के इतने मैत्रीपूर्ण संबंध बन गए कि वह उनके आफिस में जाकर पैसों की डिलीवरी देने लग गया। उस एरिया के आइजी को इस बात का पता चला तो उसने एसएसपी और उसके रीडर के साथ होने वाली फोन काल्स को टैप करवाया। जब उसे पता चला तो वह चंडीगढ़ में एक सीनियर आइएएस अफसर से मिला और उसे सारी बता बताई।
आरोप है कि इस अधिकारी, जिसकी सीएमओ तक अच्छी पैठ थी, ने स्कोडा को कहा कि इस आइजी को लगवाया भी हमने ही है और अब हटवा भी देंगे।अगले ही दिन आइजी का तबादला हो गया। इसके बाद स्कोडा उसे फिल्लौर में मिलने गया और वहां उसकी और एक पुलिस अधिकारी की मौजूदगी में आईजी के फोन से टैप की गई बातचीत की रिकार्डिंग्स डिलीट कर दी गईं।
एसएसपी रैंक के अधिकारी को २ करोड़ रुपये लेकर बरी करवाया
आरोप है कि एसएसपी रैंक के एक अधिकारी को केस में उसे बरी करवाने के लिए न्यायपालिका के एक बड़े नाम का जिक्र करके दो करोड़ रुपए की डील करवाने का दावा भी किया है। उसने पूछताछ में बताया है कि कोर्ट में एक सीनीयर वकील के माध्यम से ये सेटिंग की गई जिससे वह बरी हो पाया। इसके बाद अन्य कई मामलों में आरोपियों की बेल करवाने और पुलिस में जांच अधिकारियों से मिलकर केस कमजोर करवाने की बातें भी स्कोडा ने कबूल की हैं।
क्राइम विंग के जरिए कई मामले करवाए खारिज
क्राइम विंग के जरिए कई मामलों को खारिज करवाने का जिक्र करते हुए एक जांच रिपोर्ट में स्कोड़ा के बयानों में कहा गया है कि मुंबई के एक परिवार के बेटे की शादी समराला में हुई थी। उस पर समराला में ही इरादा-ए-कत्ल का मामला दर्ज हुआ। इस मामले में डीजीपी से मिलने आए आरोपी पक्ष से स्कोडा को राष्ट्रपति पुलिस पदक हासिल कर चुके एक डीएसपी स्तर के अफसर ने यह कहकर मिलवाया कि इस केस में स्कोडा आपको बचा सकता है। उसके बाद स्कोडा ने 70 लाख रुपए में डील की और इंक्वायरी क्रइम विंग में मार्क करवाकर जांच करवाई और एफआईआर खारिज करवा दी।
एसएसपी लगने के लिए की 50 लाख की डील
कई एसएसपी रैंक के अफसरों की पोस्टिंग करवाने की बात कबूलते हुए स्कोडा ने पूछताछ में बताया कि एक उच्चाधिकारी ने एसएसपी लगने के लिए उसके माध्यम से एक करोड़ की डील कर मालवा के तीन जिलों में एक के बाद एक फील्ड पोस्टिंग हासिल की।
आरोप है कि एक अन्य पीपीएस अफसर ने एसएसपी लगने के लिए उसके साथ 50 लाख रुपये में डील फाइनल की। पूरा पैसा भी उसे दे दिया गया लेकिन इससे पहले की उसका काम हो पाता, उसकी मनपसंद मालवा के एक जिले में एसएसपी की पोस्ट पर किसी और की नियुक्ति हो गई। उसने संबंधित अधिकारी को 25 लाख वापस किए और शेष राशि के लिए अफसर के करीबी एसआई के रिश्तेदार के नाम दो किले जमीन का बयाना करवाया।
कई डीजीपी ऐसे जिन तक नहीं पहुंच सका स्कोडा
बताया जाता है कि पूछताछ के दौरान स्कोडा ने कुछ डीजीपी के नाम भी लिए हैैं। पिछले 15 सालों से जारी इस खेल में कई डीजीपी ऐसे भी रहे जिन तक स्कोडा पहुंच भी नहीं बना पाया। जांच के दौरान उसने बताया कि वह कुछ डीजीपी से काम नहीं करवा पाया, लेकिन अपनी पैठ के चलते उनके कार्यालय के स्टाफ से छोटे-मोटे काम करवा लेता था।
चंडीगढ़ के होटल की पार्किंग, घर और दफ्तरों में होती थी पैसे की डिलीवरी
पूछताछ के दौरान कई अहम खुलासे हुए हैं। उनमें से एक और सबसे बड़ा हैरान करने वाला खुलासा ये है कि अफसरों ने स्कोडा से पैसों की डिलीवरी लेने के लिए चंडीगढ़ के होटल की पार्किंग का इस्तेमाल किया। वहीं कुछ मामलों में स्कोडा ने कहा है कि कई एसएसपी स्तर के अफसरों का उसके घर में आना-जाना था जबकि कुछ उच्च अधिकारियों के दफ्तर में वह बिना किसी झिझक चला जाता था। पैसों की डिलीवरी भी घर और दफ्तरों में हो जाती थी।
पूछताछ में उसने बताया है कि पिछली सरकार में माझा से लेकर मालवा तक कई बड़े पदों पर रहे और मौजूदा सरकार द्वारा फील्ड से हटाकर हेड क्वार्टर शिफ्ट किए गए एक बड़े अधिकारी के साथ भी पैसों का लेन-देन हुआ। एक एसएसपी के जरिए वह इस अफसर के संपर्क में आया। जांच के दौरान स्कोडा ने दावा किया है कि मालवा के एक केस में आरोपियों के नाम हटवाने के लिए उसने इस अफसर तक चंडीगढ़ टूरिज्म के एक होटल में 45 लाख रुपये पहुंचाए। उस समय यह अफसर एक अन्य बड़े अफसर के साथ इसी होटल में अंदर मौजूद था और उसने पार्किंग में अपने एक आदमी को भेजकर 45 लाख रुपये वसूले।
रीडर के जरिए बदलवाए सारे एसएचओ
बयान के अनुसार, एक अन्य मामले में स्कोडा ने जांच टीम को बताया कि फिरोजपुर में उसने एसएसपी से नजदीकी बनाकर जिले के सभी एसएचओ बदलवा दिए। बदले में स्कोडा सभी एसएचओ से कई महीने तक हर महीने एक-एक लाख रुपये लेता रहा और करीब तीन से चार करोड़ रुपये उसने एसएसपी के रीडर को दिए। उसने ये भी कबूला है कि अगर कोई काम पांच लाख रुपये से कम होता था तो वह पैसे रीडर को देता था और अगर ये काम पांच लाख रुपये से ज्यादा का होता था तो इसी अदायगी वह सीधी एसएसपी को करता था।
डीजीपी के लिए भी की कई डील
पूछताछ में उसने बताया कि लिबरल रिक्रूटमेंट पालिसी के लिए पंजाब भर में मशहूर एक पूर्व डीजीपी के लिए भी स्कोडा ने कई डील कीं। उक्त डीजीपी पंजाब कैडर के नहीं थे और थोक में भर्ती करवाने के लिए विवादों में फंसे थे। उनके कार्यकाल में ही स्कोडा ने एक सांसद के केस में मध्यस्थता की थी, जिन्हें फेक केस में फंसाया जाना था।

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