Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    498: संविधान की एक धारा, औरतों की एके-47!

    By Edited By:
    Updated: Thu, 11 Jul 2013 11:12 PM (IST)

    कुसुम अग्निहोत्री, जालंधर

    '498' कहने को यह संविधान की एक धारा है, जिसे न्याय के लिए बनाया गया था, लेकिन आजकल यह किसी गैरसामाजिक तत्व के हाथ की एके-47 की तरह साबित हो रही है। इस कानून का सहारा लेकर महिलाओं द्वारा ससुराल पक्ष पर दर्ज करवाए गए दहेज प्रताड़ना के ज्यादातर केस झूठे निकले। शुक्रवार को जालंधर में आयोजित कोर्ट में महिला आयोग की चेयरपरसन परमजीत कौर लांडरा ने इस बात की पुष्टि की।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    परमजीत कौर अपनी नियुक्ति के बाद पहली बार यहां आई थी। उन्होंने बताया कि 13 जनवरी 2014 को उन्होंने महिला आयोग की चेयरपरसन की पोस्ट पर ज्वाइन किया था। तब से 807 मामले पंजाबभर से उनके पास हैं। 1998 में आयोग के गठन के वक्त सालभर में 151 शिकायतें आई थी, लेकिन अब इससे ज्यादा शिकायतें तो एक महीने में दर्ज हो रही हैं। कारणों की बता करें तो जागरुकता और कानून का दुरुपयोग दोनों बराबर के जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादातर मामले घरेलू विवादों, आपसी मतभेद व दहेज प्रताड़ना के होते हैं। कई केस लंबे चलते हैं, लेकिन डोरी एक्ट ऐसा है, जिसके द्वारा लड़कियां अपने केस को स्ट्रांग बनाती हैं। इसी कारण इसका ज्यादातर मिस यूज हो रहा है।

    इस दौरान महिला आयोग की चेयरपरसन परमजीत कौर लांडरा ने बताया कि बदलते परिवेश में बिगड़ते पारिवारिक रिश्तों के मद्देनजर आयोग प्रदेशभर के स्कूल-कालेजों में छात्राओं के लिए सेमिनार लगा उनकी काउंसलिंग की योजना बना रहा है। साथ ही उन्होंने बताया कि सालभर आयोग की चेयरपरसन की पोस्ट खाली रहने के कारण कई पुरानी शिकायतें भी पेंडिंग रह गई। इन्हें निपटाने के लिए वह नंगल से शोभा राणा और मुक्तसर से वीरपाल कौर के अलावा चार अन्य सदस्यों का चुनाव कर जल्द ही आयोग के पैनल को पूरा करेगा। फिर प्रदेशभर में हर सप्ताह कोर्ट बिठाकर महिलाओं की शिकायतों को निपटाया जाएगा।

    मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर