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    सुखबीर बादल की जल बस पर नवजोत सिद्धू ने लगाया ब्रेक

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Sat, 17 Jun 2017 08:46 PM (IST)

    नवजोत सिद्धू ने सुखबीर बादल द्वारा शुरू की गई जल बस को बंद करवा दिया है। सिद्धू ने कहा इससे यहां पर प्रवास करने वाले पक्षियों व जलीय जीव-जंतुओं को परेशानी तो होती ही है।

    सुखबीर बादल की जल बस पर नवजोत सिद्धू ने लगाया ब्रेक

    जेएनएन, हरीके हेड (फिरोजपुर)। निकाय एवं पर्यटन मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल के ड्रीम प्रोजेक्ट पानी में चलने वाली बस को शनिवार को हरिके हेड में बंद कर दिया। शनिवार को हरिके हेड पहुंचे सिद्धू ने कहा कि बादल के घुड़क्के (जुगाडू वाहन) का कोई फायदा नहीं है।

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    सिद्धू ने कहा कि यह प्रोजेक्ट हरिके हेड के लिए ठीक नहीं था। इससे यहां पर प्रवास करने वाले पक्षियों व जलीय जीव-जंतुओं को परेशानी तो होती ही है साथ में किसानों को भी दिक्कत होती है। बड़े बादल ने बेटे के मोह में इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी थी जो कि किसी भी प्रकार से जायज नहीं है। इसे बंद किया जा रहा है। सिद्धू के अनुसार 10 करोड़ खर्च कर चलाई गई बस 10 दिन ही चली है। इससे अभी तक सिर्फ 64 हजार रुपये आमदनी हुई है।

    हरिके हेड के टेंडरों की होगी जांच

    सिद्धू ने कहा कि बादल सरकार के समय हरिके हेड के दिए गए टेंडरों की भी जांच करवाई जाएगी। जो गड़बडिय़ों हुई हैं उन्हें दुरुस्त करने के साथ दोषियों को पकड़ा जा सके। युवाओं के लिए मक्खू में आइटीआइ खोली जाएगी। किसानों की कर्ज माफी पर सिद्धू ने कहा कि थोड़ा सब्र रखने की जरूरत है। सरकार बड़ा कदम उठाने वाली है। सरकार की कोशिश है कि किसानों पर कर्ज चढ़ने ही न दिया जाए। 

    छह महीने पहले सुखबीर ने चलाई थी बस

    विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 13 दिसंबर 2016 को तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने हरिके हेड में पानी में चलने वाली बस चलाकर अपना ड्रीम प्रोजेक्ट पूरा किया था। उन्होंने पानी में चलने वाली बस का घोषणा 15 जनवरी 2015 में की थी। प्रोजेक्ट पर करीब 10 करोड़ रुपये जिसमें दो करोड़ रुपये की बस और आठ करोड़ हरीके पत्तन पर बस के लिए ट्रैक बनने पर खर्च हुए।

    2000 व 800 रुपये था किराया

    अमृतसर रेलवे स्टेशन से 45 किलोमीटर दूर हरीकेपत्तन आने के लिए इस बस का किराया 2000 रुपये प्रति व्यक्ति रखा गया था। हरीकेपत्तन में सिर्फ झील की सैर करने के लिये इसका किराया 800 रुपये रुपये प्रति व्यक्ति था।

    हाईलाइटर

    13 दिसंबर 2016 को तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने शुरुआत की थी
    45 किमी का सफर अमृतसर रेलवे स्टेशन से हरीकेपत्तन तक था
    10 करोड़ खर्च कर चलाई गई थी बस
    10 दिन ही चली, पर्यटकों को नहीं हुए आकर्षित
    64 हजार रुपये सिर्फ हो पाई थी आमदनी

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