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    फिरोजपुर प्रशासन को नहीं लगी मोदी के दौरे की भनक

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Thu, 12 Nov 2015 07:14 PM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिवाली के दिन बुधवार को फिरोजपुर स्थित सैन्य छावनी व चौकियों के दौर के बारे में जिला प्रशासन को नहीं थी। हैरानी की बात है कि ...और पढ़ें

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    फिरोजपुर [प्रदीप कुमार सिंह]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिवाली के दिन बुधवार को फिरोजपुर स्थित सैन्य छावनी व चौकियों के दौर के बारे में जिला प्रशासन को नहीं थी। हैरानी की बात है कि प्रधानमंत्री के यहां पहुंचने के बाद ही जिला प्रशासन को इसकी भनक लगी। मोदी के दौरे का पहले पता न लगने से स्थानीय खुफिया एजेंसियों की भी पोल खुल गई है।

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    सेना के जवानों से मिलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

    डिप्टी कमिश्नर डीपीएस खरबंदा ने का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी के दौरे की उन्हें कोई सूचना नहीं थी। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष कमल शर्मा भी फिरोजपुर में ही थे, लेकिन उनकी भी मोदी से मुलाकात नहीं हुई।

    दिवाली पर पीएम ने तीन सैन्य छावनियों व दो एयरफोर्स बेस पर सैनिकों से की मुलाकात

    सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री बिहार में भाजपा की करारी हार व पंजाब में बढ़ती श्री गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाओं पर मीडियाकर्मियों या नेताओं से बात नहीं करना चाह रहे थे। इसी कारण उन्होंने अपने दौरे को सेना तक ही सीमित रखते हुए गोपनीय रखा। हालांकि जब वह फिरोजपुर पहुंचे तो पुलिस ने कुछ जवान सुरक्षा प्रबंध के लिए भेजे भी, लेकिन सेना के जवानों ने उन्हें लौटा दिया।

    सीमा पर सैनिकों के बीच पहुंचे, जाना दुख दर्द

    बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे पहले फिरोजपुर सैन्य छावनी स्थित बरकी युद्ध स्मारक पर गए। यहां उन्होंने 1965 के शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। उनके साथ थल सेना अध्यक्ष जनरल दलवीर सिंह, वेस्टर्न कमांड के जनरल आफिसर कमांडिंग इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल केजे सिंह व वज्र कोर के जनरल आफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल एचएस चीमा भी थे।

    शहीद अब्दुल हमीद को श्रद्धांजलि देते प्रधानमंत्री मोदी।

    इसके बाद मोदी खासा में डोगरी युद्ध स्मारक पर गए और शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किया। उन्होंने सैनिकों से उनका दुख दर्द भी जाना। यहां से प्रधानमंत्री खेमकरण सेक्टर असलपुर गए, जहां उन्होंने परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद को श्रद्धांजलि दी। मोदी बरकी युद्ध स्मारक व हलवारा व पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन भी गए और सैनिकों से मिले।

    सैनिकों के साथ प्रधानमंत्री मोदी।

    शहीद स्मारक नहीं गए पीएम

    1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के 50 वर्ष पूरे होने पर सेना द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में हुसैनीवाला बार्डर स्थित शहीदों के समाधि स्थल (भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु के स्मारक) के निकट अब तक युद्धों में शहीद हुए सैनिकों की याद में सेना द्वारा शहीद स्मारक बनाया गया है। मोदी यहां नहीं गए।