प्रयोग सफल, ट्रेनों में सौर ऊर्जा के इस्तेमाल का होगा विस्तार
प्रदीप कुमार सिंह, फिरोजपुर : अब ट्रेनों में यात्री कोच रात को सौर ऊर्जा से रोशन होंगे। ट्रेनों में लाइटें व पंखे चलाने के लिए सौर ऊर्जा का साल भर पहले किया गया प्रयोग सफल रहा है। इससे रेलवे काफी उत्साहित है। अब रेलवे ने इसका विस्तार करने का फैसला
-प्रयोग के तौर पर पठानकोट-जोगिंदरनगर ट्रेन के सात डिब्बों में लगी थीं सौर ऊर्जा की प्लेटें
प्रदीप कुमार सिंह, फिरोजपुर : अब ट्रेनों में यात्री कोच रात को सौर ऊर्जा से रोशन होंगे। ट्रेनों में लाइटें व पंखे चलाने के लिए सौर ऊर्जा का साल भर पहले किया गया प्रयोग सफल रहा है। इससे रेलवे काफी उत्साहित है। अब रेलवे ने इसका विस्तार करने का फैसला किया है।
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यह प्रयोग फिरोजपुर रेल मंडल के अंतर्गत पठानकोट-जोगिंदरनगर नैरोगेज लाइन पर एक ट्रेन के सात डिब्बों में किया था। इससे 15 लाख रुपये से अधिक की बचत हुई। अब जीरो मेंटीनेंस के चलते इस ट्रैक की सभी ट्रेनों में इसे फिट किया जाएगा।
फिरोजपुर रेल मंडल के वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर सुनील कुमार ने बताया कि रेलवे को सौर ऊर्जा प्लेटें लगाने के लिए प्रति डिब्बे पर औसतन 25 से 30 हजार रुपये खर्च करने पड़े। दूसरे सिस्टम में विभाग को लाइटें व पंखे चलाने के लिए प्रति डिब्बा अल्टरनेटर सहित रेगुलेटर लगाना पड़ता है। इसका खर्च लगभग डेढ़ लाख रुपये आता है और मेंटीनेंस का खर्च अलग होता है।
उन्होंने बताया कि जिन डिब्बों में सौर ऊर्जा प्लेटें लगाई गई हैं, उनका मेंटीनेंस जीरो है। रात को पावर बैकअप के लिए बैटरी भी लगाई गई है। प्रयोग की सफलता को देखते हुए पठानकोट से जोगिंदरनगर तक नैरोगेज पर चलने वाले सभी ट्रेनों के 70 सवारी डिब्बों में एक साल के अंदर सौर प्लेटें लगाने का काम पूरा कर लिया जाएगा।
बिजली पर निर्भरता कम कर रेलवे बचा रहा लाखों रुपये
बिजली कटौती व बढ़ते बिजली बिल के मद्देनजर रेल विभाग बिजली पर निर्भरता कम कर रहा है। फिरोजपुर रेल मंडल के आठ स्टेशनों दसूहा, तलवंडी, फाजिल्का, डल्हौजी रोड, मनवाल, जीवाराईं, चकदयाला व झोंक टहल सिंह को सौर ऊर्जा पर आधारित कर दिया गया है। इससे जहां बिजली कटौती से होने वाली परेशानी से राहत मिली है, वहीं लाखों रुपये का बिजली बिल भी नहीं देना पड़ रहा है। जालंधर ट्रैक पर लोहियां खास स्टेशन को भी सौर ऊर्जा आधारित बनाने का प्रस्ताव है।