मंडी गोबिंदगढ़ में ट्रेन रद होने पर भड़के श्रमिक, पुलिस पर पथराव; लाठीचार्ज कर खदेड़े
मंडी गोबिंदगढ़ में पुलिस व श्रमिकों के बीच झड़प हो गई। श्रमिकों के पथराव के बाद पुलिस को श्रमिकों पर लाठीचार्ज करना पड़ा।
मंडी गोबिंदगढ़ [धरमिंदर सिंह]। कोरोना संकट काल में पिछले दो महीने से ज्यादा समय से घर वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रहे बाहरी राज्यों के श्रमिकों का धैर्य टूटने लगा है। बिहार जाने वाली विशेष ट्रेन रद होने के बाद सोमवार को लोहा नगरी में भड़के करीब 150 श्रमिकों ने नेशनल हाईवे के साथ लिंक रोड पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। श्रमिकों को शांत करने पहुंची पुलिस से भी इनका टकराव हो गया। पत्थरबाजी में पुलिस की गाड़ी समेत कई वाहनों के शीशे टूट गए। स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करके श्रमिकों को खदेडऩा पड़ा।
मोहाली रेलवे स्टेशन से बिहार के लिए विशेष ट्रेन रवाना होनी थी। इसके मद्देनजर फतेहगढ़ साहिब के जिला प्रशासन ने पंजीकरण सूची के आधार पर 377 श्रमिकों को इस ट्रेन से रवाना करना था। मंडी गोबिंदगढ़ से उन्हें बसों में भेजा जाना था। शनिवार को ट्रेन रद हो गई। इसके बाद दो दिन ये श्रमिक अपने परिवारों समेत खालसा सीनियर सेकेंडरी स्कूल के मैदान में डटे रहे।
सोमवार सुबह श्रमिक लिंक रोड पर एकत्रित ही हो रहे थे कि एक पुलिस दस्ता इन्हें समझाने पहुंच गया। पुलिस कर्मियों ने इनसे घर वापसी को लेकर संयम रखने की अपील की। इस पर श्रमिक पुलिस कर्मियों से बहस करते हुए उग्र हो गए। सड़क किनारे पड़े ईंट-पत्थर उठाकर वहां से निकलने वाले वाहनों पर मारने शुरू कर दिए।
अमलोह के एसडीएम आनंद सागर शर्मा और मंडी गोबिंंदगढ़ के एसएचओ महिंदर सिंह पुलिस बल समेत मौके पर पहुंचे। एसएचओ की सरकारी गाड़ी यहां आते ही इसके शीशे पर पत्थर मारकर तोड़ दिया गया। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर श्रमिकों को खदेड़ा। इसके बाद बिहार से संबंधित 375 मजदूरों को 10 बसों में अंबाला भेजा गया। अंबाला से वे विशेष ट्रेन में बिहार जाएंगे।
बिना सूचना के खुद ही आए श्रमिक : एसडीएम
एसडीएम आनंद सागर शर्मा ने कहा कि शनिवार को जो ट्रेन रद हुई थी, उसके बारे में सभी श्रमिकों को शुक्रवार को ही फोन पर सूचित कर दिया गया था। किसी को लाठी मारी नहीं गई।
सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाह : एसएसपी
एसएसपी अमनीत कौंडल ने कहा कि शरारती तत्वों ने सोशल मीडिया पर बसें जाने की अफवाह फैलाई थी। जिस कारण मजदूर वहां एकत्रित हुए। किसी मजदूर को चोट नहीं पहुंची है और न ही किसी को लाठी मारी गई है।