तस्कर हुए कैशलेस, चंडीगढ़ में पेटीएम से हो रही है नशे की पेमेंट
नोटबंदी के बाद नशे के तस्कर भी पेमेंट के हाइटेक तरीके अपनाने लगे हैं और कैशलेस हो गए हैं। चंडीगढ़ सहित कई शहरों में नशे के लिए पेटीएम से पेंमेट लिए जा रहे हैं।

जेएनएन, चंडीगढ़। जाली करंसी से बढ़ रहे नशे के धंधे पर लगाम लगाने के लिए बेशक सरकार ने 500-1000 के नोट बंद कर दिए लेकिन अब तस्करों ने खरीद का नया फंडा ईजाद कर लिया है। ट्राईसिटी के कई इलाकों में खुलेआम ड्रग्स बिक रही है और इसकी खरीद-फरोख्त भी आधुनिक तरीके पेटीएम और मोबाइल नेटवर्किंग के जरिये हो रही है।
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यह खुलासा खुद डी-एडिक्शन केंद्र में अपना इलाज करवा रहे कुछ लोगों ने किया है। इस संबंध में एडवोकेट नवकिरण सिंह ने हाईकोर्ट में अर्जी दायर कर मांग की कि चंडीगढ़, मोहाली और पंचकूला में हाईटैक तरीके से चल रहे ड्रग्स नेटवर्क पर रोक लगाई जाए।
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चीफ जस्टिस एसजे वजीफदार और जस्टिस एबी चौधरी की खंडपीठ ने अर्जी पर अाज सुनवाई होगी। नवकिरण ने हाईकोर्ट को बताया कि पंचकूला के डी-एडिक्शन सेंटर में इलाज करवा रहे नशे के आदी लड़के और लड़कियों का कहना है कि मनीमाजरा, जोलोवाल और पिंजौर बॉर्डर के पास खुले आम ड्रग्स बेची और खरीदी जाती है। इसकी पेमेंट पेटीएम और मोबाइल नेटवर्किंग के जरिये होती है।
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चंडीगढ़, मोहाली व पंचकूला पुलिस की संयुक्त टीम बनाने का सुझाव
नवकिरण सिंह ने हाईकोर्ट में कहा कि तस्करों और ड्रग रैकेट को पकडऩे में डी-एडिक्शन केंद्रों में इलाज करवा रहे लोगों से मिल रही जानकारियां काफी अहम हो सकती हैं। इसी प्रकार एनडीपीएस केस में गिरफ्तार किए गए तस्करों से भी महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल की जा सकती हैं। लिहाजा इसके लिए चंडीगढ़, मोहाली और पंचकूला पुलिस को एक ज्वाइंट टीम का गठन कर काम करना होगा।

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