क्या घंटा बजाने से भगवान को पता चलेगा कि आप मंदिर आए हैं : हाईकोर्ट
अजान के खिलाफ ट्वीट का मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने ले बैक सिंगर सोनू निगम को राहत दे दी है। साथ ही मामले में कोर्ट ने टिप्पणी भी की।
जेएनएन, चंडीगढ़। लाउडस्पीकर लगाकर अजान को पर किए गए विवादित ट्वीट के मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की खंड पीठ ने भी सोनू निगम को राहत दे दी है। सोनू निगम के खिलाफ सोनीपत निवासी याची आस मोहम्मद याचिका दायर की थी। एकल पीठ ने उसकी याचिका खारिज कर दी तो उसने खंड पीठ में अपील की। खंड पीठ ने याचिका खारिज करते हुए टिप्पणी की कि मंदिर मेंं घंटा बजाकर भगवान को यह बताने का प्रयास कि हम आपके द्वार आएं हैं, क्या तर्क संगत है?
याची के वकील एमडी खान ने बहस आरंभ की तो हाईकोर्ट ने कहा कि क्या केवल याची की धार्मिक भावनाएं ही आहत हो रही हैं? अभी तक कोई और तो सामने नहीं आया है। हाईकोर्ट ने याची को सलाह दी कि अपनी एनर्जी कहीं और लगाएं ताकि समाज का भला हो। इस तरह की याचिकाएं न दायर की जाएं।
लोगों को परेशान कर ईश्वर को कैसे खुश किया जा सकता है
जस्टिस महेश ग्रोवर ने कहा कि अब आस्था कम और दिखावा ज्यादा हो रहा है। लाउडस्पीकर पर भजन हो या अजान या फिर सुबह-सुबह गुरुद्वारे में में चलने वाला पाठ। जो लोग रात को काम करते हैं और सुबह अपनी नींद पूरी करना चाहते हैं, उनकी नींद क्यों भंग करनी चाहिए। यह लोगों की परेशानी का कारण है तो इससे ईश्वर को कैसे खुश किया जा सकता है।
इसके पहले एकल पीठ ने कहा था कि अजान को लेकर नहीं बल्कि सोनू निगम ने लाउडस्पीकर को लेकर ट्वीट किया था और लाउडस्पीकर इस्लाम का अभिन्न अंग नहीं है और न ही इस्लाम की स्थापना के समय लाउडस्पीकर का कोई वजूद था।
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