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    जीएसटी की उलझन का हल : मैनुअल बिल भी काटें, डिटेल अपलोड करें

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Sat, 01 Jul 2017 09:46 AM (IST)

    देश के साथ पंजाब में भी जीएसटी लागू हो गया है। इस संबंध व्‍यापारियों की कई उलझनों का हल बता गया है। व्‍यापारी मैनुअल बिल भी काट कर उसे ऑनलाइन अपलोड कर सकते हैं।

    जीएसटी की उलझन का हल : मैनुअल बिल भी काटें, डिटेल अपलोड करें

    जेएनएन,चंडीगढ़। जीएसटी को लेकर व्यापारी खासे आशंकित हैं। जीएसटी दर को लेकर कहीं हड़ताल हो रही है तो कहीं व्यापारी जीएसटी का ही विरोध कर रहे हैं। बड़ी संख्या में व्यापारी इस बात को लेकर सवाल पूछ रहे हैं कि 1 जुलाई को वो बिल कैसे काटेंगे? क्या ऑनलाइन बिल काटा जाएगा? कई बैंकों के आईएफएससी कोड मैच नहीं कर रहे हैं जिसकी वजह से जीएसटी कोड नहीं खुल पा रहा है। इन उलझनों और सवालाें के व्‍यावहारिक जवाब विभाग द्वारा दिए जा रहे हैं। बताया गया है कि व्‍यापारियों के लिए आॅनलाइन बिल काटने जरूरी नहीं है। मैनुअल बिल काटकर उसकी डिटेल अपलोड कर सकते हैं।

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    एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग ने किया स्पष्ट, व्यापारियों को ऑनलाइन बिल काटना आवश्यक नहीं

    एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस बात की कोई आवश्यकता नहीं है कि बिल ऑनलाइन काटा जाए। विभाग का कहना है कि बिल मैनुअल भी काटा जा सकता है। बस बिल की डीटेल व्यापारी को विभाग की साइट पर अपलोड करनी होगी। यह भी जरूरी नहीं कि यह जानकारी उसी दिन अपलोड करें। हालांकि अगर कोई ऑनलाइन बिल काटता है तो उसमें भी कोई दिक्कत नहीं है।

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    मैनुअल बिल की डिटेल उसी दिन अपलोड करना भी जरूरी नहीं

    बैंकों के आईएफएससी कोड को लेकर आ रही समस्या के संबंध में एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर विवेक प्रताप कहते हैं, 'भारतीय स्टेट बैंक में मर्ज होने वाले बैंकों के ग्राहक के साथ यह दिक्कत आ रही है। चूंकि बैंक मर्ज हो गया है, लेकिन ग्राहक के पास जो आईएफएससी कोड है वह पुराना ही है। इस समस्या के लिए बैंक से मामले को सुलझाया जा रहा है।' उनका कहना है कि किसी को भी परेशान होने की जरूरत नहीं है। नया सिस्टम है। थोड़ी दिक्कत आ सकती है, लेकिन जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी।

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    सितंबर तक भरें रिटर्न : कमिश्नर

    एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर विवेक प्रताप ने बताया कि जुलाई में भरी जाने वाली रिटर्न के समय में बढ़ोतरी कर दी गई है। अब इसे सितंबर तक भरा जा सकेगा। सभी जिलों में सहायता केंद्र खोल दिए गए हैं। किसी भी प्रकार की दिक्कत आने पर विभाग के अधिकारी मदद को तैयार हैं।