पंजाब में स्कूल नहीं कर सकेंगे 8 फीसद से ज्यादा फीस वृद्धि, मान्यता होगी रद
पंजाब की शिक्षा मंत्री ने राज्य में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी रोकने को रेगुलेशन एक्ट सख्ती से लागू करने के आदेश दिए हैं। एक्ट का उल्लंघन करने वाले स्कूलों की मान्यता रद होगी।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब में अन-एडिड प्राइवेट स्कूलों की मनमानी खत्म करने और विद्यार्थियों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए शिक्षा मंत्री अरुणा चौधरी ने 'द पंजाब रेगुलेशन ऑफ फी ऑफ अन-एडिड एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन एक्ट 2016' को सख्ती से लागू करने के आदेश दिए हैं। शिक्षा मंत्री का कहना है कि इस एक्ट के अधीन जहां स्कूलों की फीस को नियंत्रित किया गया है। वहीं कोई भी अन एडिड प्राइवेट स्कूल किसी प्रकार से अभिभावकों का शोषण नहीं कर सकेगा।
अन एडिड प्राइवेट स्कूलों पर नियंत्रण रखने के लिए डिवीजन स्तर पर एक रेगुलेटरी अथॉरिटी बनाई गई है। इसका चेयरमैन संबंधित डिवीजनल कमिश्नर है। इस अथॉरिटी का मुख्य उद्देश्य एक्ट को पूरी तरह लागू करवाना है। शिक्षा मंत्री ने अभिभावकों को जागरूक करते हुए बताया कि रेगुलेशन एक्ट की धारा 5 अनुसार कोई भी अन एडिड प्राइवेट स्कूल अपनी चालू फीस में प्रतिवर्ष आठ फीसद से अधिक बढ़ोतरी नहीं कर सकेगा।
क्या हैं एक्स में प्रावधान
-धारा 7 के अनुसार अन एडिड प्राइवेट स्कूलों की ओर से अतिरिक्त फीस व फंड लेने संबधी माता-पिता, विद्यार्थियों और सरपरस्तों की शिकायतें सुनना, शिक्षा के व्यापारीकरण संबंधी निगरानी करना, फीस व फंडों की संरचना एक्ट के दायरे में हो।
-धारा-11 अधीन माता-पिता, विद्यार्थी या सरपरस्त अनुदान रहित स्कूलों की ओर से अतिरिक्त फीसों व फंड लेने संबधी शिकायत रेगुलेटरी अथॉरटी के पास कर सकता है, जिस पर रेगुलेटरी अथॉरिटी 15 दिनों के अंदर जांच करके 60 दिन में फैसला करेगी।
-धारा 12 अनुसार रैगुलेटरी बाडी के पास जांच के लिए सिविल कोर्ट (कोड आफ सिविल प्रोसिजर 1908)जैसे अधिकार है।
-धारा 14 के अनुसार इस कानून को न मानने वाले प्राइमरी स्कूल को तीस हजार रुपये, मिडिल स्कूल को पचास हजार रुपये और सीनियर सेकंडरी स्कूल को एक लाख रुपये का जुर्माना किया जा सकता है।
-यदि कोई संस्था दोबारा एक्ट का उल्लंघन करती है, तो यह जुर्माना दोगुना हो जाएगा और तीसरी बार उल्लंघन करने की सूरत में स्कूल की मान्यता रद कर दी जाएगी।
पंजाब यूनिवर्सिटी की बढ़ी फीस वापस हो: आप
आम आदमी पार्टी ने पंजाब यूनिवर्सिटी में दाखिलों की फीस में बढ़ोतरी को सरकार से वापस करने की मांग करते हुए प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राओं पर पुलिस के लाठी चार्ज की निंदा की है। युवा विंग के प्रधान हरजोत सिंह बैंस ने कहा है कि सरकार की अनदेखी देश में शिक्षा के गिर रहे स्तर के लिए जिम्मेदार है। फीस में इतनी भारी वृद्धि के कारण गरीब छात्र-छात्राओं के उच्च शिक्षा प्राप्त करने के मंसूबों को धक्का लगा है। बैंस ने बढ़ी फीस को वापस लेने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं पर पुलिस लाठीचार्ज व पानी की बौछारें मारने की भी निंदा की।
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