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Lover couple's की सुरक्षा के लिए तंत्र विकसित करेगा पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़, हाई कोर्ट ने दिया दो सप्ताह का समय

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने प्रेमी जोड़ों की सुरक्षा के लिए उचित तंत्र विकसित करने के लिए पंजाब हरियाणा एवं चंडीगढ़ के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। हाई कोर्ट ने स्थानीय स्तर पर 24x7 हेल्प डेस्क स्थापित करने का सुझाव दिया था।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 22 Mar 2021 04:31 PM (IST)Updated: Mon, 22 Mar 2021 07:29 PM (IST)
Lover couple's की सुरक्षा के लिए तंत्र विकसित करेगा पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़, हाई कोर्ट ने दिया दो सप्ताह का समय
प्रेमी जोड़ों की सुरक्षा के लिए राज्य उठाएंगे कदम। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, चंडीगढ़। घर से भागकर विवाह करने वाले प्रेमी जोड़ों की सुरक्षा पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा उठाए गए सवालों व इस बाबत कोर्ट द्वारा दिए गए सुझाव पर हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ प्रशासन ने काम करना शुरू कर दिया है। सोमवार को सभी पक्षों द्वारा कोर्ट को बताया गया कि कोर्ट के 10 मार्च के आदेश के बाद सरकार की सभी एजेंसी ने इस बाबत बैठक कर कुछ बिंदु पर विचार किया है। इस बाबत एक तंत्र विकसित करने के उनको कुछ समय दिया जाए।

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पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सभी पक्षों को दो सप्ताह का समय देते हुए 23 अप्रैल तक स्टेटस रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। 10 अप्रैल को एक प्रेमी जोड़े की सुरक्षा की मांग के मामले पर हाई कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ प्रशासन को प्रेमी जोड़ों को आश्रय घर व कानूनी सहायता उपलब्ध करवाने को कहा था। हाई कोर्ट के जस्टिस अवनीश झिंगन ने यह भी कहा कि दोनों राज्य व केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ कानूनी सेवा प्राधिकरण, स्थानीय स्तर पर टेलीफोन सेवा और इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले 24 x 7 हेल्प डेस्क स्थापित करें।

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हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि रोजाना दायर होने वाले ऐसे कई मामलों के बीच खतरे के वास्तविक मामलों की अक्सर अनदेखी हो जाती है और कोर्ट पर केसों का अनावश्यक बोझ बढ़ रहा है। कोर्ट ने सुझाव दिया है जो ऐसे जोड़ों को सुरक्षा प्रदान करने का काम प्रशासन करे, ताकि कोर्ट पर बोझ कम हो सके। चंडीगढ़ सहित पंजाब और हरियाणा के प्रत्येक जिले में सेफ हाउस उपलब्ध कराए जाने चाहिए। ऐसे जोड़ों के लिए एक वेबसाइट या एक आनलाइन माड्यूल बनाया जाना चाहिए, ताकि वह फिजिकली पेश हुए बिना अपनी शिकायत दायर कर सकें।

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शिकायत दाखिल करने के लिए तहसील स्तर पर 2437 हेल्प डेस्क उपलब्ध होनी चाहिए। किसी भी मामले में 48 घंटे से ज्यादा समय न लिया जाए। हाई कोर्ट ने दोनों राज्यों के एडवोकेट जनरलों, चंडीगढ़ के लिए वरिष्ठ स्थायी वकील और कानूनी सेवा प्राधिकरणों के सदस्य सचिवों को इस मुद्दे से निपटने के लिए संयुक्त प्रयास करने का निर्देश दिया था।

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पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट इस बात को लेकर नाराजगी भी जताई कि ने दोनों राज्यों के सभी जिला जजों को 31 मार्च, 2010 के आदेश के तहत निर्देश दिए थे कि प्रेमी जोड़ों को अंतरिम सुरक्षा प्रदान की जाए, परंतु उनका अनुपालन नहीं किया जा रहा है। इसलिए जिन प्रेमी जोड़ों को पहले ही खतरा होता है उन्हें याचिका दायर करने की औपचारिकताएं पूरी करने के लिए हाई कोर्ट आना पड़ता है, जो उन्हें और खतरे में डालता है।

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