पंजाब में टूटेगा परिवहन में बादलों का एकाधिकार, दो हफ्ते में नई ट्रांसपोर्ट पॉलिसी
कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार पंजाब में बस परिचालन और परिवहन क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के परिवार को एकाधिकार को ताेड़गी। सरकार नई ट्रांसपोर्ट पालिसी लाएगी।
जेएनएन, चंडीगढ़। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने पंजाब में बस परिचालन और परिवहन क्षेत्र में एकाधिकार तोड़गी। सरकार ने परिवहन विभाग को पटरी पर लाने के लिए बड़े सुधार करने का फैसला किया है। इसके लिए दो हफ्ते में नई परिवहन प्रारूप नीति घोषित करने की उम्मीद जताई है। मुख्य मार्गों पर मौजूदा एकाधिकार को तोड़ कर सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को मुक्त कराने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे। इस फैसले का सीधा असर बादल परिवार के ट्रांसपोर्ट व्यापार पर पड़ेगा।
मौजूदा परमिटों की भी होगी जांच, डीटीओ कार्यालयों के पुनर्गठन के निर्देश
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में यहां हुई परिवहन विभाग की बैठक के दौरान संकट से जूझ रहे परिवहन ढांचे का कायाकल्प करने के लिए कई सुझाव दिए गए। इन सुझावों में 22 डीटीओ कार्यालयों का पुनर्गठन और परमिट अलॉट करने की प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाना शामिल है। इसी प्रकार पटियाला, जालंधर, फिरोजपुर व बठिंडा में आरटीओ के चार कार्यालयों का भी पुनर्गठन किया जाएगा।
मुख्य रूटों पर परमिट अलॉट करने में होगी पारदर्शिता
मौजूदा परमिट और इनकी कानूनी स्थिरता का निरीक्षण करते हुए कई परिवहन नीति का प्रारूप राज्य में परिवहन से जुड़े विभिन्न पक्षों की सलाह से तैयार किया जाएगा और निजी परिवहन से जुड़े लोगों को बराबर के अवसर प्रदान किए जाएंगे।
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6700 मिनी बसों के परमिटों पर असर
हाईकोर्ट के आदेश अनुसार, नई नीति 15 मई, 2017 तक तैयार कर ली जाएगी। इसका 750 प्राइवेट बस रूट परमिटों, 24 किलोमीटर के 1840 असल रूटों में की बढ़ोतरी और 6700 मिनी बसों के परमिटों पर असर पड़ेगा। सुरक्षित, आरामदायक व बेहतर सार्वजनिक यातायात मुहैया कराया जाएगा जिससे सार्वजनिक परिवहन स्थिर होने के साथ ही निजी क्षेत्र के ट्रांसपोर्टरों के लिए बराबर के अवसर मुहैया होंगे व बेरोजगारों को भी लाभ होगा।
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वाहन पंजीकरण व लाइसेंस में तय होगी जवाबदेही
मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को वाहनों के पंजीकरण, लाइसेंस जारी करने और विभिन्न सेवाओं के नवीनीकरण के कार्यों में प्रोफेशनल एप्रोच अपनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने मोटर व्हीकल अथॉरिटीज को एसडीएस के अधीन लाकर और जवाबदेही बनाने के भी निर्देश दिए।
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