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    शिक्षक दिवस पर दो गुरुओं को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Mon, 05 Sep 2016 11:12 AM (IST)

    पंजाब सरकार ने शिक्षक दिवस पर दो अध्‍यापकों को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड देने की घोषणा की है। यह अवार्ड गुुरदासपुर के सरवन सिंह और लुधियाना की सिस्‍टर मीराबेल को दिया जा रहा है।

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    जेएनएन, चंडीगढ़। शिक्षक दिवस पर राज्य में कई अध्यापकों को सम्मानित किया जा रहा है। शिक्षा विभाग ने राज्य में शिक्षक दिवस के अवसर पर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड शुरू किया है। इस बार दो अध्यापकों को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा है।

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    शिक्षा मंत्री डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने बताया कि बाबा आया सिंह रियाड़की कॉलेज तुगलवाला (गुरदासपुर) के संस्थापक प्रिंसिपल सरवन सिंह और लुधियाना के सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल की (केयर टेकर कॉन्वेंट) सिस्टर मीराबेल को इस अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। इन्हें पुरस्कार स्वरूप प्रशस्ति पत्र व एक-एक लाख रुपये की राशि दी जाएगी।

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    लुधियाना की सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल की प्रमुख सिस्टर मीराबेल स्कूल कैंपस में ही रहती हैं। 98 साल की उम्र में भी वह पूरी तरह सक्रिय हैं और शिक्षा के प्रति पहले की तरह ही समर्पित हैं। 7 अप्रैल 1919 को कर्नाटक के मंगलौर में जन्मी मीराबेल 1965 में कर्नाटक छोड़ पंजाब आईं और स्थानीय प्रशासन व लोगों के सहयोग से सेकड्र हार्ट कॉन्वेंट स्कूल की शुरुआत की।

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    उस समय भारत-पाकिस्तान में जंग चल रही थी। उनकी उम्र 46 साल थी। 1965 में बतौर अध्यापक और फिर अध्यापन के साथ 1977 से हॉस्टल केयर टेकर के तौर पर सेवाएं देनी शुरू की। उम्र के इस पड़ाव में भी सिस्टर पूरी तरह से सक्रिय हैं। विद्यार्थियों की देखरेख भी खुद करती हैं। उन्होंने स्कूल कैंपस में ही अपना घर बना लिया है। उनका कहना है कि जब तक स्वस्थ हैं, उनका जीवन शिक्षा को ही समर्पित रहेगा।

    गुरदासपुर के तुगलवाला के बाबा आया सिंह रियाड़की कॉलेज के संस्थापक प्रिंसिपल 72 साल के सरवन सिंह को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड शिक्षा क्षेत्र में उनके अप्रतिम योगदान के लिए दिया गया है। 4 जनवरी 1944 को गरदासपुर के गांव सलाहपुर के साधारण किसान परिवार में जन्मे ले सरदार सवरन सिंह ने 1965 में हरचोवाल के सरकारी माध्यमिक स्कूल से बतौर सरकारी अध्यापक नौकरी छोड़ कर तुगलवाला स्कूल की शुरुआत की।

    उन्होंने इसके बाद और फिर 1976 में कॉलेज तुगलवाला की स्थापना की। यह स्कूल अब देश भर में अपनी पहचान बना चुका है।1976 में यहां 14 लड़कियों ने दाखिला लिया था और आज यहां 5000 से अधिक विद्यार्थी शिक्षा हासिल कर रहे हैं। सरवन सिंह 40 वर्षों से यहां सेवाएं दे रहे हैं।