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    जगमीत बराड़ का कांग्रेस से निलंबन रद

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Fri, 07 Aug 2015 09:21 PM (IST)

    कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ने पूर्व सांसद जगमीत बराड़ का पार्टी से निलंबन रद कर दिया है। पार्टी महासचिव शकील अहमद ने इस बाबत चिट्ठी जारी की है। इसके साथ ही 25 नेताओं का इस्तीफा भी पार्टी ने नामंजूर कर दिया है।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पूर्व सांसद जगमीत बराड़ का पार्टी से निलंबन रद कर दिया है। पार्टी महासचिव शकील अहमद ने इस बाबत चिट्ठी जारी की है। इसके साथ ही 25 नेताओं का इस्तीफा भी पार्टी ने नामंजूर कर दिया है।

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    बराड़ को लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी शिकस्त के बाद सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को कुछ दिनों के लिए पार्टी से अलग होकर कमान किसी और को सौंपने की बात कहने पर निलंबित किया गया था।

    निलंबन रद होने पर बराड़ ने कहा कि वह इस निर्णय से प्रसन्न हैं और फिर से पार्टी की मजबूती के लिए काम करेंगे। प्रदेश कांगेस अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने बराड़ का पार्टी से निलंबन समाप्त करने के लिए सोनिया गांधी व राहुल गांधी का धन्यवाद जताया है। बाजवा ने कहा कि बराड़ पार्टी के सिपाही हैं। उनके आने से पार्टी आगामी विधानसभा चुनावों में और मजबूत होगी।

    बराड़ को 14 अगस्त, 2014 को बराड़ को पार्टी से 6 साल के लिए निलंबित कर दिया गया था। उन्होंने सोनिया गांधी को कई चिट्ठियां लिखी थी, लेकिन उनका निलंबन नहीं समाप्त हुआ। इसके बाद बराड़ ने अपने पूर्व विधायक भाई रिपजीत बराड़ और 25 समर्थकों समेत 5 जनवरी 2015 को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था।

    उस समय बराड़ ने कांग्रेस पर वंशवाद सहित कई गंभीर आरोप लगाए थे। उस समय उनके भाजपा में शामिल होने की चर्चा भी चली थी। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की 22 जनवरी 2015 को अमृतसर रैली के दौरान बराड़ के भाजपा में जाने की भूमिका तैयार हो चुकी थी, लेकिन रैली रद हो जाने से बराड़ का भाजपा में जाने का मामला भी लटक गया।

    भाजपा की राह बंद होने के बाद बराड़ लगातार कांग्रेस महासचिव शकील अहमद के साथ संपर्क में थे। माना जा रहा है कि बराड़ का निलंबन रद्द करवाने में शकील अहमद ने अहम भूमिका निभाई है। इस दौरान कांग्रेस के प्रदेश प्रधान प्रताप सिंह बाजवा और कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी बराड़ के पार्टी में वापसी करने पर कोई आपत्ति नहीं होने की बात कही। अंतत: 11 महीने 23 दिन बाद बराड़ की घर वापसी हुई।