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    हंसराज हंस कांग्रेस छोड़ भाजपा में हुए शामिल, मोदी को बताया- बब्बर शेर

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Sat, 10 Dec 2016 02:46 PM (IST)

    कांग्रेस के पंजाब नेतृत्व से नाराज सूफी गायक हंसराज हंस ने भाजपा का दामन थाम दिया है। हंस ने पार्टी ज्वाइन करने के बाद पीएम मोदी को बब्बर शेर बताया।

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    जेएनएन, चंडीगढ़। अकाली दल छोड़कर कांग्रेस का हाथ थामने वाले सूफी गायक हंसराज हंस ने अब भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा है। वह दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुए। पंजाब विधानसभा चुनाव से एेन वक्त पहले भाजपा में शामिल हुए हंस दोआबा क्षेत्र में अच्छा प्रभाव रखते हैं।

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    भाजपा में शामिल होने के बाद हंस ने कहा कि मेरी इमेज के हिसाब से पार्टी जहां भी मेरी ड्यूटी लगाएगी उसे वह स्वीकार करेंगे। उन्होंने कहा, जहां मोदी हैं वहां कमजोरी नहीं हो सकती। मोदी बब्बर शेर हैं।

    भाजपा सूत्रों के मुताबिक जालंधर के हंस को पार्टी अमृतसर से विधानसभा चुनाव लडा सकती है। उन्हें अमृतसर पश्चिमी विधानसभा हलके से उम्मीदवार बनाया जा सकता है। इस सुरक्षित सीट पर पिछली बार भाजपा के राकेश गिल चुनाव हार गए थे और इस बार उन्हें टिकट मिलने के आसार पहले से ही कम नजर अा रहे थे।

    सूत्रों की मानें तो हंस ने पहले प्रदेश नेतृत्व के समक्ष भाजपा मेें शामिल होने की बात शुरू की थी मगर प्रदेश के नेताओं ने इस ओर कोई गंभीरता नहीं दिखाई थी। इसकी एक वजह यह भी रही कि प्रदेश अध्यक्ष विजय सांपला खुद दलित होने के कारण अपनी बिरादरी से किसी अन्य को भाजपा में नहीं लाना चाहते थे जो आगे चल कर जिले व पार्टी में उनका प्रतिद्वंद्वी बने। इसके बाद ही हंस ने सीधे भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से संपर्क साधा था।

    गौरतलब है कि हंसराज हंस ने अकाली दल की टिकट पर 2009 का लोकसभा चुनाव लडा था मगर वह कांग्रेस के मोहिंदर सिंह केपी से हार गए थे। पिछले चुनाव में पार्टी ने उनकी बजाय पवन टीनू को उम्मीदवार बनाया था जिसके बाद उनके पार्टी नेतृत्व के साथ रिश्तों में खटास आ गई थी।

    कांग्रेस में शामिल होने के बाद भी उन्हें राज्यसभा सदस्य बनवाने में कैप्टन अमरिंदर सिंह नाकाम रहे थे क्योंकि तब प्रताप सिंह बाजवा और अन्य नेताओं के दबाव में पूर्व प्रदेश प्रधान व पूर्व सांसद शमशेर सिंह दूलों को राज्यसभा भेज दिया गया था। इसके बाद हंस को विधानसभा चुनाव लड़ाने का भी कांग्रेस में अंदरखाते विरोध होता रहा है। यही वजह रही कि उन्होंने भाजपा में शामिल होने का फैसला लिया।

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