मौजूदा उद्योगों को भी मिलेंगी नई जैसी रियायतें : कैप्टन अमरिंदर
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब में पुराने उद्योगों को भी नए उद्योगाें की तरह रियायतें दी जाएंगी। इस बिंदु को नई औद्योगिक नीति में शामिल किया जाएगा।
जेएनएन, चंडीगढ़। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि वह नई औद्योगिक नीति के तहत सूबे में नए उद्योगों को दी जा रही रियायतों की तरह ही मौजूदा उद्योगों को रियायतें दी जाएंगी। पंजाब उद्योग के मामले में इस समय 12वें स्थान पर है। उनकी सरकार इस मामले मे राज्य को एक नंबर पर लाने का प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने सीआइआइ के उत्तरी क्षेत्र के चेयरमैन सुमंत सिन्हा के नेतृत्व में मिेलने आए प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत कर रहे थे। यह प्रतिनिधिमंडल उत्तरी राज्यों, खासकर पंजाब में व्यापार को बढ़ावा देने के बारे में विचार-विमर्श करने के लिए मुख्यमंत्री से मिलने आया था।
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अमरिंदर ने राज्य में और ज्यादा निवेश आकर्षित करने के लिए सीआइआइ से सुझाव मांगे। राज्य सरकार इस समय राज्य में उद्योग को बढ़ावा देेने को बढि़या माहौल बनाने के लिए नई औद्योगिक नीति पर काम कर रही है। बैठक में मुख्यमंत्री ने उन औद्योगिक घरानों के लिए समान अवसर देेने के सीआइआइ के प्रतिनिधिमंडल के सुझाव को मंजूर कर लिया जो पिछली सरकार की विपरीत नीतियों के बावजूद सूबे को छोड़ कर नहीं गए।
मुख्यमंत्री ने नई औद्योगिक नीति में इस बिंदु को शामिल करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किए। उद्योग विभाग नई औद्योगिक नीति तैयार करने में जुटा है। सीआइआइ ने सूबे में एग्रो आधारित फूड प्रोसेसिंग उद्योग और लघु उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए बिजली सप्लाई में सुधार लाने, बुनियादी ढांचे के विकास और हवाई संपर्क में वृद्धि करने के लिए भी सुझाव दिया।
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प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के औद्योगिक केंद्र लुधियाना के साथ हवाई संपर्क की जरूरत पर भी जोर दिया। उन्होंने बिना किसी रुकावट से हवाई उड़ानों को यकीनी बनाने के लिए आइएलएस की स्थापना कर इस शहर के लिए उड़ानों की संख्या बढ़ाने का भी सुझाव दिया।
बिजली के घटिया डिस्ट्रीब्यूशन के कारण लोड के बार-बार घटने पर चिंता जताते हुए सीआइआइ के प्रतिनिधिमंडल ने उद्योगों को पांच रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली उपलब्ध कराने की पहल का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान को बिजली बेचने के उनके प्रस्ताव पर सकारात्मक रुख दिखाया है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के साथ और व्यापारिक संभावनाओं पर गौर करने के लिए भी पंजाब को संकेत दिए।
प्रतिनिधिमंडल ने केंद्र सरकार के प्रस्तावित जीरो लिक्वड डिस्चार्ज पालिसी पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि यह उद्योगों पर बुरा प्रभाव डालेगी। मुख्यमंत्री ने बारिश के पानी की रिहायशी क्षेत्रों में संरक्षित करने को प्रोत्साहन देने का सुझाव दिया। सीआइआइ ने बताया कि उद्योग को द्रव पदार्थों की डपिंग के डर से वर्षा जल संरक्षित करने की इजाजत नहीं हैं। इस पर अमरिंदर ने उद्योग विभाग को इस मामले पर गौर करने को कहा।
बैठक में मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव डीपी रेडडी और पंजाब ब्यूरो आफ इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन के सीईओ डीके तिवाड़ी और सीआइआइ से उत्तरी क्षेत्र के प्रमुख सुमंत सिन्हा, सचित जैन, गुरमीत भाटिया, सर्वजीत समरा और संदीप जैन आदि मौजूद थे।
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