मोसुल से रिहा होंगे बंधक बनाए गए पंजाबी, कैप्टन ने की सुषमा स्वराज से बात
लंबे संघर्ष के बाद मोसुल आइएस के कब्जे से मुक्त हो चुका है। अब यहां बधक बनाए गए 39 भारतीयों की वापसी की उम्मीद बढ़ी है। इसके लिए कैप्टन ने विदेश मंत्री से बात की है।
जेएनएन, चंडीगढ़। इराक के मोसुल शहर को इस्लामिक स्टेट (आइएस) के कब्जे से छुड़ाने के बाद वहां बंदी बनाए गए 39 भारतीयों के भारत लौटने की उम्मीद बढ़ गई है। इनमें 12 पंजाब से हैं। केंद्र सरकार ने इन्हें ढूंढने की कवायद शुरू कर दी है।
पूर्व जनरल वीके सिंह को इराक सरकार के साथ तालमेल बिठाने के लिए इराक भेजा गया है, ताकि वहां फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए सुविधा उपलब्ध करवाई जा सके। इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से बातचीत कर यह मामला उठाया है। कैप्टन ने इस मामले में उनके हस्तक्षेप की मांग की है।
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केंद्रीय मंत्री के साथ फोन पर हुई बातचीत के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि मोसुल के आइएस के कब्जे से आजाद होने के बाद बंधकों के परिजनों में भी उत्सुकता बढ़ गई है। उन्होंने भी केंद्र सरकार से युवकों की सुरक्षित घर वापसी की गुहार लगाई है।
गौरतलब है कि निर्माण कार्यों में लगे भारतीयों को वर्ष 2014 में बंदी बनाया गया था। विदेश मंत्री ने कैप्टन को बताया कि जनरल वीके सिंह को इराक भेजा गया है। एयरपोर्ट पर एयर इंडिया के कर्मचारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वह इन भारतीयों की वापसी के लिए सहायता उपलब्ध करवाए।
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मंत्रालय गुम हुए भारतीयों की खोज के लिए सभी उपलब्ध स्रोतों की मदद ले रही है। इनके बारे में अंतिम बार मोसुल के एक गिरजाघर में छुपे होने की जानकारी मिली थी। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई है कि बंधक जल्द भारत लौटेंगे।
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