एसोचैम ने कहा, कर्ज माफी के बजाए किसानों को बाजार से जोड़ें
एसोचैम ने पंजाब सरकार से कहा है कि वह किसानाें के कर्ज माफ करने से ज्यादा उनको बाजार से जोड़ने पर ध्यान दे। इससे किसानों की दशा सुधरेगी। ...और पढ़ें

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सबसे बड़े चुनावी वायदे कर्ज माफी को एसोचैम ने 'गलत प्रथा' कहकर नकार दिया है। एसोचैम ने नई सरकार के लिए जारी अपने दृष्टिकोण में कहा कि मुफ्त की सुविधा का दुरुपयोग होता है। किसानों के कर्ज माफ करने के बजाए उनके लिए बाजार उपलब्ध करवाना चाहिए और उन्हें सीधा बाजार से जुडऩे के अवसर मुहैया करवाने चाहिए।
एसोचैम के राष्ट्रीय महासचिव डीएस रावत और थाट आर्बिटरेज रिसर्च इंस्टीट्यूट (टारी) की निदेशक क्षमा वी कौशिक ने कहा उनका फोकस मुख्य रूप से कृषि और कृषि उत्पाद, छोटे व मझोले इंडस्ट्री और इनफ्रास्ट्रक्चर पर है। रावत ने कहा कि फ्री की सुविधा का दुरुपयोग होता है। फ्री बिजली या कर्ज माफी की सुविधा छोटे और जरूरतमंद लोगों को ही मिलनी चाहिए।
एसोचैम ने जारी किया नई सरकार के लिए दृष्टि पत्र, बड़े निवेश के बजाए छोटे निवेश पर ध्यान दे सरकार
उन्होंने कहा कि पंजाब में दाल, तिलहन, कपास, मक्की, सब्जियां जैसे कम पानी वाली फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने की जरूरत है। सरकार को इसके लिए इनफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करना चाहिए ताकि किसान सीधे बाजार से जुड़ें और उनका मुनाफा बढ़ सके।
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रावत ने कहा कि आज पूरे देश में निवेश को लेकर होड़ मची हुई है। हर राज्य बड़े निवेशकों को अपने यहां खींचने में लगा हुआ है। इसकी वजह से राज्य के ही छोटे निवेशक नजरंदाज हो जाते हैं। सरकार को चाहिए कि अपने ही राज्य के छोटे निवेशकों को प्रमोट करे।
उन्होंने कहा कि बड़े निवेशक अगर रुचि दिखाते हैं तो उसका फॉलोअप नियमित रूप से किया जाना चाहिए। चाहे कृषि हो या औद्योगिक क्षेत्र पंजाब को अपना शेर-ए-पंजाब का पुराना रुतबा हासिल करने के लिए उत्पादों को प्रमोट करना चाहिए और उसे राष्ट्रीय बाजार से जोडऩा चाहिए तथा किसानों को बेहद कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करवाना चाहिए।
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कौशिक ने कहा कि पंजाब में शिक्षित लोगों के लिए नौकरी क्रिएट नहीं हो पा रही हैं। इंडस्ट्री के समक्ष स्किल लेबर की समस्या है। सरकार को स्किल डेवपलमेंट की दिशा में ध्यान देने की आवश्यकता है।
बिजली पर न लगे चुंगी व गो सैस
एसोचैम ने कहा है कि बिजली पर चुंगी और गो सैस नहीं लगना चाहिए। चुंगी प्रथा विवाद को खड़ा करती है। गो सैस कम से कम इंडस्ट्री पर नहीं लगना चाहिए।

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