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    अब एसवाइएल नहर के विरोध में उतरीं पंचायतें, किया प्रदर्शन

    पंजाब में अब एसवाइएल नहर के विरोध में पंचायतें उतर आई हैं। इस नहर के निर्माण के विरोध में शुक्रवार को बठिंडा में 572 पंचायतों के प्रतिनिधियों ने प्रदर्शन किया।

    By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Fri, 17 Jun 2016 08:34 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, बठिंडा। सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के खिलाफ विधानसभा के प्रस्ताव के समर्थन में अब पंचायतें भी उतर आई हैं। बठिंडा व श्री मुक्तसर साहिब जिले की करीब 572 पंचायतों के प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को एसवाईएल नहर को पंजाब का पानी लूटने की साजिश बताया। इन पंचायतों ने पंजाब की नदियों का पानी पंजाब को ही देने के प्रस्ताव पारित कर जिला प्रशासन को सौंपे।

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    दोनों जिलों के पंचायत प्रतिनिधियों ने डीसी कार्यालय तक मार्च कर एडीसी (जनरल) परमपाल कौर सिद्धू को राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। इसमें आग्रह किया गया कि किसी कीमत पर एसवाईएल नहर नहीं बनने दी जाए।

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    पंचायत मंत्री सिकंदर सिंह मलूका ने कहा कि नदियों के पानी के बंटवारे में पहले से ही भेदभाव होता रहा है। आजादी के बाद पाकिस्तान और फिर राजस्थान व हरियाणा को पानी का ज्यादा हिस्सा दिया गया। कांग्रेस ने एसवाईएल बनाकर पंजाब से पानी छीनने की कोशिश की। मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया है और कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं।

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    पानी की लूट अब बर्दाश्त नहीं होगी। अगर पानी नहीं रहा तो पंजाब रेगिस्तान बन जाएगा। सभा में पूर्व सांसद परमजीत कौर गुलशन, जिला परिषद के चेयरमैन गुरप्रीत ङ्क्षसह मलूका, तेजेंद्र सिंह मिडढूखेड़ा, हरेंद्र खालसा आदि शामिल थे।

    एक बूंद भी बाहर नहीं जाने देंगे : कोटफत्ता

    बठिंडा देहाती के विधायक दर्शन सिंह कोटफत्ता ने कहा कि पंजाब के पानी की एक भी बूंद बाहर नहीं जाने दी जाएगी। श्री मुक्तसर साहिब जिले के अकाली दल के जिला प्रधान जत्थेदार दयाल सिंह कोलियांवाली ने कहा कि कांग्रेस ने पंजाब के पानी का सिद्धांतों को अनदेखा कर बंटवारा करने का काम शुरू किया था। अब हमें चाहे जेल भरनी पड़े और नहरों पर धरने लगाने पड़ें, लेकिन पानी की एक भी बूंद बाहर नहीं जाने दी जाएगी।