Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बेटे की चाह में फुसलाकर बच्चे काे ले गई महिला, फिर किया ये...

    By Test1 Test1Edited By:
    Updated: Fri, 17 Jun 2016 08:45 PM (IST)

    बेटे की चाह में एक महिला ने वो किया जो शायद कोई ही करे। पहले तो दरबार साहिब से बच्चे को अगवा कर लिया फिर जब मामला सुर्खियों में आया तो उसे वापस छोड़ने आ गई और पकड़ी गई।

    जागरण संवाददाता, अमृतसर। बेटे की चाह में एक महिला ने वो किया जो शायद कोई ही करे। पहले तो उसने श्री दरबार साहिब से बच्चे को अगवा कर लिया फिर जब मामला सुर्खियों में आया तो घबरा गई। अपने पति के साथ बच्चे को वापस दरबार साहिब छोड़ने पहुंची लेकिन पकड़ी गई। अब महिला पछता रही है और अपनी किस्मत को कोस रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अकेला देख अपने साथ ले गई थी बच्चे को

    14 जून को विशू अमृतसर की ग्वाल मंडी से अपने परिवार के साथ दरबार साहिब मत्था टेकने आया और परिवार से बिछड़ गया। इसी दौरान कुरुक्षेत्र से आई रणजीत कौर उर्फ राणो की नजर उस पर पड़ी। उसने बताया कि बेटे की चाह में विशु को अपने साथ ले गई। राणो अभी गर्भवती है और उसकी दो साल की बच्ची है।

    पढ़ें : पिता से 10 लाख रुपये निकलवाने के लिए रचा अपने ही बेटे के अपहरण का ड्रामा

    सुर्खियां बना मामला तो डर कर वापस छोड़ने आई

    इसके बाद दरबार साहिब से बच्चेे केे अपहरण का मामला सुर्खियोंं में आ गया। सोशल मीडिया पर महिला के बच्चे को साथ ले जानेे की सीसीटीवी फुटेज जंगल की आग की तरह फैलने लगी। इसके बाद महिला घबरा गई और उसने सोचा कि बच्चे को वापस वहीं छोड़ दिया जाए जहां से उठाया था।

    पढ़ें : पत्नी का भूत उतारना चाहता था पति और हो गया कत्ल

    'प्रायश्चित' करने आए तो फंसेे

    अपहरण की ख़बर से डरी सहमी राणो अपने पति के साथ शुक्रवार को दरबार साहिब पहुंची। उसने विशू को गुरु अर्जुन देव सराय के 18 नंबर कमरे में छोड़ दिया। इसी दौरान सेवादारों की नजर उन पर पड़ गई और दोनों को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया।

    जानकारी के अनुसार, हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के गांधी चौक निवासी दंपती शुक्रवार तड़के श्री गुरु अर्जुन देव जी सराय में छोडऩे पहुंचा। बच्चे को मां राधिका व पिता राजन भट्टी को सौंप दिया गया। पुलिस ने महिला रणजीत कौर उर्फ राणो और उसके पति साहिब सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।

    इंस्पेक्टर भगवान सिंह ने बताया कि रामतीर्थ रोड स्थित ग्वाल मंडी निवासी राधिका परिवार समेत सोमवार रात श्री गुरु अर्जुन देव जी सराय में 18 नंबर कमरे में रुकी थी। मंगलवार दोपहर 11.45 बजे परिवार लंगर हाल की तरफ जा रहा था। वहां विशू मां से बिछड़ गया। उसे कुरुक्षेत्र की रणजीत कौर ने देख्ृा लिया और फुसलाकर अपने साथ ले लिया। वह उसे पांच घंटे तक दरबार साहिब परिसर में लेकर घूमती रही, जिससे वह सीसीटीवी में कैद हो गई।

    मां ने कहा, पूरा भरोसा था कि वाहेगुरु की कृपा से बेटा लौट आएगा

    राधिका ने बताया कि उनके परिवार का गुरु घर में अटूट विश्वास था। बेटे विशू की जिद थी कि वह रातभर श्री दरबार साहिब में सेवा करना चाहता है। विशू के अपहरण के बाद भी उन्हें वाहेगुरु में आस्था थी कि वह कमरा नंबर 18 में खुद पहुंच जाएगा। वाहेगुरु की कृपा से वैसा ही हुआ। चार दिन परिवार तनाव में रहा। उम्मीद थी कि विशू लौट आएगा। इसी विश्वास में कमरा नहीं छोड़ा। शुक्रवार देर रात किसी ने दरवाजा खटखटाया। जब दरवाजा खोला तो विशू अंदर आया और बिस्तर पर लेट गया। उसने बताया कि एक आंटी उसे दिल्ली और फिर कुरुक्षेत्र ले गई।

    उधर शिरोमणि कमेटी के अतिरिक्त सचिव दलजीत सिंह ने संगत से अपील की कि वे अपने बच्चों का विशेष ध्यान रखें। उन्हें अपने से दूर न जाने दें, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

    डीजीपी खुद देख रहे थे मामला

    पीडि़त परिवार ने बताया कि उनके फोन पर चंडीगढ़ से डीजीपी सुरेश अरोड़ा लगातार संपर्क साधे हुए थे। वह उनसे बार-बार पूछ रहे थे कि कोई फोन के जरिए उन्हें परेशान तो नहीं कर रहा। कोई फिरौती तो नहीं मांग रहा। सराय में उन्हें परेशानी तो नहीं है।

    बेटे की चाह में फंस गई गर्भवती रणजीत

    पुलिस के मुताबिक रणजीत कौर बेटे की चाह में फंस गई। वह चार महीने की गर्भवती है। उसकी दो साल की एक बेटी है। उसने दरबार साहिब परिसर में विशू को अकेले घूमते देखा तो वह उसके पास पहुंच गई। उससे बातें करने लगी। उसकी प्यारी बातों ने उसे मोह लिया और वह उसके साथ पांच घंटे तक दरबार साहिब परिसर में घूमती रही। काफी देर तक जब उसके परिजनों का पता नहीं चला तो उसने उसे सैंडल दिलाए और अपने साथ घर ले गई। घर पहुंचकर पति साहिब सिंह ने पीडि़त परिवार का वास्ता देकर बच्चे को लौटाने के लिए मना लिया। डर के मारे दंपती सराय में बच्चे को लौटाने पहुंचे थे कि पकड़े गए।