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    पंजाब को बचाएगा नया मोर्चा, सोच-समझ कर उठाया कदम : नवजोत

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Fri, 02 Sep 2016 10:32 PM (IST)

    पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू की पत्‍नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू ने कहा है कि नया राजनीतिक मोर्चा पंजाब को बचाएगा। सिद्धू और अन्‍य नेताओं ने नए दल के लिए सोच-समझ कर कदम बढ़ाया है।

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    अमृतसर, [जेएनएन]। पूर्व क्रिकेटर और भाजपा नेता नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी डॉ. नवजाेत कौर सिद्धू ने कहा कि फेसबुक पर पाेस्ट की गई फोटो काल्पनिक नहीं है। नई पार्टी की बात भी बिना आधार की नहीं है। हमने सोच-समझ कर कदम बढ़ाया है। दिल्ली में नवजोत सिंह सिद्धू के निवास स्थान पर चारों नेताओं की बैठक हुई है। चारों ने पंजाब को बचाने का संकल्प लिया है। तभी नए फ्रंंट के गठन की तरफ एक कदम आगे बढ़ाया है। नया मोर्चा पंजाब को बचाएगा।

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    यहां जागरण से खास बातचीत में डॉ. कौर ने कहा कि बेशक चार लोगों से नई पार्टी की स्थापना नहीं हो सकती, लेकिन संकल्प हो तो बहुत कुछ संभव है। नई पार्टी के लिए और अच्छे लोगों की जरूरत है। पंजाब की वर्तमान शासन प्रणाली से त्रस्त लोग इस नए फ्रंट में शामिल होंगे। वह भी इसी फ्रंट का हिस्सा बनेंगी।

    पढ़ें : नवजोत सिंह सिद्धू बनाएंगे नई पार्टी, पंजाब में सामने आया नया समीकरण

    उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी से वह जल्द ही इस्तीफा दे देंगी। अभी उनके काम चल रहे हैं। जब मौका मिलेगा, पार्टी से इस्तीफा देकर इस फ्रंट में शामिल होने में देरी नहीं करेंगी। डॉ. सिद्धू ने दावा किया कि पंजाब की राजनीति के इन 'अच्छे लोगों' (नवजोत सिंह सिद्धू, परगट सिंह, सिमरजीेत सिंह बैंस व बलविंदर सिंह बैंस) का जीवन चरित्र बेदाग है। पंजाबियों को इन चारों पर विश्वास है। अच्छे लोग इसमें शामिल होकर पंजाब की दलदल में फंसी राजनीति को बदलने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।

    पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश-

    क्या नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब की राजनीति के खालीपन को भर पाएंगे?

    अकेले सिद्धू सफल नहीं हो सकते। इसके लिए पंजाब के सभी बुद्धिजीवी वर्गों के लोगों को सोचना होगा कि परंपरागत राजनीति राजनेताओं से पंजाब का छुटकारा दिला कर इसे नई दिशा देने के लिए वे स्वयं राजनीति में आएं।

    पढ़ें : सीएम कैंडिडेट बनाना तो दूर सिद्धू को विस चुनाव में टिकट भी नहीं देगी 'आप'

    क्या चौथे फ्रंट को पंजाबी स्वीकार करेंगे?

    क्यों नहीं। पंजाबी इस समय राजनीति के उस पाटन में फंसे हुए हैं, जहां उनके लिए खतरा ही खतरा है। वे परंपरागत नेताओं से ऊब चुके हैं। केजरीवाल की 'आप' का ग्राफ निरंतर गिरा है। यदि पंजाबियों ने चौथे फ्रंट को स्वीकार नहीं किया तो पंजाब एक बार फिर 'नरक' में पहुंच जाएगा।

    क्या नवजोत सिंह सिद्धू टेलीविजन छोड़ देंगे?

    नवजोत सिंह सिद्धू पहले भी कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि यदि पंजाब की राजनीति को साफ करने का अवसर मिला तो वह टेलीविजन छोड़ देंगे।

    पढ़ें : सिद्धू की पत्नी ने फिर कहा, हम नहीं लड़ेंगे भाजपा से चुनाव

    क्या सिद्धू फ्रंट की ओर से मुख्यमंत्री के उम्मीदवार होंगे?

    यह स्पष्ट है कि हम (सिद्धू दंपती) राजनीति में सौदेबाजी में यकीन नहीं रखते। सिद्धू ने पहले भी कुछ नहीं मांगा था, आज भी कुछ नहीं मांग रहे हैं। पंजाब की सेवा के लिए केवल मुख्यमंत्री का पद जरूरी नहीं है।