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Haryana Cabinet Extension: CM मनोहरलाल की नए मंत्री शामिल करने से पहले डिनर सियासत

Haryana Cabinet Extension CM मनोहरलाल खट्टर नए मंत्रियों को शपथ दिलाने से पहले नई सियासत कर रहे हैं। वह इससे भाजपा व जेजेपी संग निर्दलीय विधायकों को साध रहे हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 07:15 PM (IST)Updated: Thu, 14 Nov 2019 09:11 AM (IST)
Haryana Cabinet Extension: CM मनोहरलाल की नए मंत्री शामिल करने से पहले डिनर सियासत
Haryana Cabinet Extension: CM मनोहरलाल की नए मंत्री शामिल करने से पहले डिनर सियासत

चंडीगढ़, जेएनएन। Haryana Cabinet Extension नए मंत्रियों को शपथ दिलाए जाने से पहले CM Manoharlal khattar ने खास रणनीति अपनाई है और डिनर पॉलिटिक्‍स (Dinner Politics) कर रहे हैं। कहा भी जाता है कि राजनीति में आगे बढऩा है तो हर वह काम करना पड़ता है, जो बहुत जरूरी नहीं है। दूसरी बार सूबे की कमान संभालने वाले मुख्यमंत्री मनोहरलाल इस बात को बखूबी समझ चुके हैैं। सभी को साथ लेकर चलने में माहिर मनोहर लाल ने कैबिनेट गठन से पहले भाजपा और निर्दलीय विधायकों को डिनर पार्टी दी है। भाजपा में कभी नियमित डिनर संस्कृति के हक में नहीं रही, लेकिन समय के हिसाब से बदलाव खुद ब खुद हो ही जाता है। डिनर पॉलिटिक्‍स से वह भाजपा और जेजेपी के संग-संग निर्दलीय विधायकों को साधने में लगे हैं, ताकि पांच साल निर्बाध शासन चला सकें।

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सीएम मनोहरलाल निर्दलीय विधायकों को सरकार दिला रहे अपनेपन का पूरा भरोसा

मुख्यमंत्री मनोहरलाल पहले भी डिनर देते रहे हैैं, लेकिन बुधवार का रात्रिभोज कुछ खास बात दिख रही है। इस डिनर में सबको साथ लेकर चलने के भरोसे का संदेश दिखा है तो सहयोगी दल जेजेपी को मजबूत हमसफर के तौर पर आगे तक ले जाने का भरोसा भी दिया गया है। निर्दलीय नाराज न हों और उन्हें सरकार में हिस्सेदार होने का आभास बना रहे, इस मंशा से वे इस डिनर के गवाह बने।

दुष्यंत चौटाला के सधे कदम बन रहे भाजपा के हारे मंत्रियों की परेशानी का कारण

हरियाणा विधानसभा का इस बार का गणित ही कुछ ऐसा बना कि अकेले किसी दल की बात नहीं बन सकती थी। भाजपा और जेजेपी साथ आए तो निर्दलीय विधायक एकजुटता दिखाकर अपनी ताकत का अहसास कराने से नहीं चूके। भाजपा के पास शुरू में सरकार बनाने के लिए निर्दलीय विधायकों का ही सहारा था, लेकिन जेजेपी का साथ मिल जाने के बाद निर्दलीय विधायकों को अपनी अनदेखी अखरने लगी।

भाजपा हाईकमान और आरएसएस के बड़े नेताओं ने हालांकि सूबे के संगठन को किसी भी सूरत में निर्दलीय विधायकों की अनदेखी नहीं करने के संकेत दिए हैैं, क्योंकि सात निर्दलीय विधायकों में पांच भाजपा की पृष्ठभूमि के हैैं और दो दिल से भाजपा के साथ हैैं, इसलिए यदि भविष्य में कभी जरूरत पड़ी तो यह निर्दलीय ही भाजपा के काम आने वाले हैैं।

भाजपा अब आरएसएस व प्रमुख नेताओं की सलाह मानते हुए निर्दलीय विधायकों को भी सरकार में भागीदार बनाने जा रही है। पहले एक विधायक को प्रतिनिधित्व देने की बात थी, लेकिन बदली परिस्थितियों में दो निर्दलीय विधायक सरकार में भागीदार हो सकते हैैं। भाजपा संगठन के लोग चाहते हैं कि एक ही निर्दलीय विधायक मंत्री बने।

भाजपा के चुनाव हार चुके मंत्रियों ने संगठन और सरकार को यह समझाने की कोशिश की है कि यदि पार्टी ने खुद की चाल छोड़कर अपने सहयोगी दल के हिसाब से खुद को ढाल लिया तो यह भाजपा की सेहत के लिए उपयुक्त नहीं होगा। हालांकि जिस तरह से मुख्यमंत्री को डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का सहयोग मिल रहा है, उसे देखकर नहीं लग रहा कि कुछ गड़बड़ होने वाली है।

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जननायक जनता पार्टी को भाजपा के चुनाव हार चुके मंत्रियों की इस सलाह की भनक है। इसलिए आरंभ में वह भी भाजपा की पसंद और नापसंद का पूरा ख्याल रखते हुए आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बुधवार को डिनर से पहले भाजपा विधायक दल की बैठक में यह साफ कर दिया कि सरकार उनके हिसाब से कार्यकर्ताओं व जन भावनाओं के अनुरूप चलेगी।

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