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    महाराष्‍ट्र के सियासी ड्रामा पर हरियाणा में हंगामा, विधानसभा में BJP और Congress में भिड़ंत

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Wed, 27 Nov 2019 07:55 AM (IST)

    संविधान दिवस पर हरियाणा विधानसभा के विशेष सत्र महाराष्‍ट्र का सियासी घटनाक्रम पर हंगामा हुआ। सदन में भाजपा और कांग्रेस के विधायकों में जमकर भिंडंत हुई।

    महाराष्‍ट्र के सियासी ड्रामा पर हरियाणा में हंगामा, विधानसभा में BJP और Congress में भिड़ंत

    चंडीगढ़, जेएनएन। संविधान दिवस पर हरियाणा विधानसभा के विशेष सत्र  विधानसभा में महाराष्‍ट्र के सियासी संकट को लेकर हंगामा हुआ। इस पर भाजपा और कांग्रेस के विधायकों में जमकर नोंकझोंक हुई। कांग्रेस विधायकों ने भाजपा पर निशान साधा और लोकतंत्र की हत्‍या करने का आरोप लगाया। इस पर भाजपा के सदस्‍यों ने उनको पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा उठाए गए कदमों और आपातकाल की याद दिलाई।

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    हरियाणा विधानसभा के विशेष सत्र (Haryana assembly special session) में महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घमासान का हरियाणा विधानसभा में पूरा असर दिखाई दिया। महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर कांग्रेस ने भाजपा की घेराबंदी की तो भाजपा ने भी कांग्रेस के पुराने चिट्ठे खोल दिए। कांग्रेस ने महाराष्ट्र के साथ गोवा, कर्नाटक, मणिपुर और बिहार में सरकारें बनाने को लेकर भाजपा को कठघरे में खड़ा किया। मुद्दा उठते ही भाजपा आक्रामक हो गई। उसने हरियाणा में देवीलाल की बजाय भजनलाल को मुख्यमंत्री बना देने तथा इंदिरा गांधी के कार्यकाल की इमरजेंसी पर कांग्रेस की घेराबंदी की।

    विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल और उपमुख्‍यमंत्री दुष्‍यंत चौटाला।

    मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी आक्रामक मुद्रा में नजर आए। उन्होंने कहा कि वह महाराष्ट्र का जिक्र करना नहीं चाहते थे। सब कुछ संविधान और व्यवस्था के अनुरूप हो रहा है। अगर नहीं हो रहा है तो हो जाता है, लेकिन कांग्रेस को अपना वह समय नहीं भूलना चाहिए, जब देवीलाल को 1987 में शपथ लेनी थी, लेकिन भजनलाल को मुख्यमंत्री की शपथ दिला दी गई थी।

    इसके बाद महाराष्ट्र के सियासी संकट को लेकर विधानसभा में भाजपा और कांग्रेस के विधायकों में जमकर बहस हुई। दोनों पक्षों के बीच जमकर नोकझाेंक हुई। पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक किरण चौधरी ने कहा कि महाराष्‍ट्र मामले को उठाकर भाजपा को घेरने की कोशिश की। उन्‍होंने कहा कि महाराष्‍ट्र में जो कुछ किया गया है वह लाेकतंत्र की हत्‍या है। इससे पहले गोवा, कर्नाटक, उत्तराखंड में भी लोकतंत्र की हत्या  की गई थी। किरण चौधरी ने कहा कि महाराष्ट्र के मामले में राज्यपाल ने केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी को खुश करने के लिए लोकतंत्र की हत्या की।

    इस पर प्रदेश के  गृह मंत्री अनिल विज ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा देश में इमरजेंसी लगाए जाने की याद दिलाते हुए पलटवार किया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी कांग्रेस को आड़ेहाथ लिया। उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस को नहीं भूलना चाहिए कि अतीत में किस तरह देवीलाल को सर्वाधिक विधायकों का समर्थन होने के बावजूद भजनलाल को मुख्यमंत्री बना दिया गया था। कांग्रेस कोई पाक साफ नहीं है।

    हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस के सदस्‍य।

    इससे पहले तोशाम की कांग्रेस विधायक किरण चौधरी ने महाराष्ट्र की ताजा कंट्रोवर्सी के साथ पुराने मुद्दों को जोड़ते हुए कहा कि किस संविधान की बात भाजपा कर रही। वह संविधान की धज्जियां खुद उड़ा रही है। किरण ने महाराष्ट्र के राज्यपाल की भूमिका पर सवाल उठाए। थोड़ी देर के लिए सदन में वाद विवाद की स्थिति बन गई।

    मोर्चाबंदी करते हुए हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने किरण चौधरी को घेर लिया।

    विज और किरण के बीच तीखी बहस भी हुई। विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा जब बीच में कूदे तो विज उनके साथ भी भिड़ गए। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता को बार-बार दोनों पक्षों को शांत कराना पड़ा। किरण चौधरी ने कहा कि गोवा में कांग्रेस के 17 विधायक थे, लेकिन भाजपा ने 13 विधायकों के साथ ही सरकार बना ली। महाराष्ट्र में भी भाजपा जोड़तोड़ की राजनीति कर रही है।

    अनिल विज ने कहा कि कांग्रेस अपनी असफलताओं को छिपा रही है। शिवसेना व कांग्रेस को सरकार बनाने का पूरा समय मिला, लेकिन सरकार का गठन नहीं कर पाए। इमरजेंसी को मुद्दा बनाते हुए अनिल विज ने कहा कि 25 जून 1975 को रात 12 बजे इंदिरा गांधी ने संविधान को बुरी तरह से रौंद दिया था। कांग्रेस विधायकों ने विज का विरोध किया और सदन में हंगामा खड़ा हो गया। पूर्व सीएम हुड्डा ने कहा कि अगर सत्तापक्ष का यह रवैया रहा तो हम हाउस में नहीं बैठेंगे।

    कांग्रेस बताए भजनलाल कैसे बन गए थे रातों रात सीएम: मनोहर लाल

    इस पर सीएम मनोहर लाल ने कहा कि अगर पुरानी घटनाओं को जोड़ा गया तो विवाद होगा। महाराष्ट्र का विषय सभी के संज्ञान में है। हरियाणा, जम्मू-कश्मीर तथा आंध्र प्रदेश में कांग्रेस ने क्या किया, यह सभी को पता है। हरियाणा में भजनलाल ने रातों-रात सीएम की शपथ ग्रहण कर ली थी। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने भी बातों ही बातों में इस मुद्दे पर अपनी राय जाहिर की। तब कांग्र्रेस ने उन पर सवाल उठाए।

    हरियाणा विधानसभा के विशेष सत्र में राज्‍य के मंत्री।

    विधानसभा का विशेष अधिवेशन में डिप्‍टी स्‍पीकर का चुनाव किया गया। भाजपा के विधायक रणबीर गंगवा को सर्वसम्‍मति से विधानसभा उपाध्‍यक्ष (deputy speaker) चुना गया। सदन में सभी विधायकों को मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों की शपथ दिलाई गई। ग्राम सभाओं को गांवों में ठेके खोलने या नहीं खोलने देने का अधिकार देने संबंधी बिल पारित कया गया।

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    सीएम मनोहरलाल ने रखा मौलिक अधिकारों एवं मौलिक कर्तव्यों के पालन का संकल्प पत्र

    इसके बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधानसभा के पटल पर मौलिक अधिकारों एवं मौलिक कर्तव्यों के पालन का संकल्प पत्र रखा। उन्‍होंने कहा कि संविधान निर्मात्री सभा के मुखिया डॉ भीमराव अंबेडकर के जन्मदिन 14 अप्रैल तक पूरे प्रदेश में मौलिक कर्तव्य जागरूकता अभियान चलेगा। स्कूल कॉलेजों, बोर्ड- निगमों और सरकारी महकमों में जागरूकता कार्यक्रम होंगे। सभी जिलों में जागरूकता रैलियां निकाली जाएंगी। इस दौरान प्रदेश के हर व्‍यक्ति को मूल कर्तव्यों के प्रति जागरूक करते हुए संविधान के पालन की शपथ दिलाई जाएगी।

    विधानसभा के विशेष सत्र में जेजेपी की नैना चौटाला और अनूप धानक।

    इसके साथ ही मनोहर लाल विधानसभा के दो विशेष सत्र बुलाने वाले पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं। उनकी पहली पारी में हरियाणा गठन के पचास साल के उपलक्ष्य में वर्ष 2016 में पंचकूला में विशेष विधानसभा लगाई गई थी। इससे पहले 1987 में ताऊ देवीलाल ने देश की आजादी के 40 साल पूरे होने पर दो घंटे का विशेष सत्र बुलाया गया था।

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