तनाव के बीच वर्तमान में कौन सा देश दे रहा है भारत या पाकिस्तान का साथ आप भी देखें
तनाव के माहौल में पूरे विश्व की निगाह भारत और पाकिस्तान पर लगी है। पूरा विश्व दोनों को संयंम बरतने की अपील कर रहा है। लेकिन इस मुद्दे पर विश्व के कई देश भारत के साथ खड़े हैं।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। भारत और पाकिस्तान के बीच उभरे तनाव के मद्ददेनजर पूरी दुनिया की निगाहें इस क्षेत्र पर लगी हुई हैं। पूरा विश्व दोनों देशों से संयंम बरतने की बात कर रहा है। वहीं पाकिस्तान की तरफ से भी ऐसे ही सुर सुनाई दे रहे हैं। इसके बाद भी पाकिस्तान की तरफ से भारत के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के मकसद से लड़ाकू विमानों ने बुधवार को भारतीय हवाई सीमा का उल्लंघन किया। इस पूरे वाकये ने तनाव को और बढ़ाने का काम किया है। इस बीच पाकिस्तान लगातार दावा कर रहा है कि विश्व के कई देश उसके साथ हैं। लेकिन यह दावा कितनी सच्चाई है इसको जानना भी बेहद जरूरी है।
ये है तनाव की असली वजह
लेकिन इससे भी पहले इस पूरे तनाव के पीछे की वजह को भी जान लेना बेहद जरूरी है। आपको बता दें कि 14 फरवरी 2019 को सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी जैश ए मुहम्मद ने ली थी। इस आतंकी संगठन का हैडक्वार्टर पाकिस्तान के रावलपिंडी में है। इसके मुखिया का नाम मसूद अजहर है। यह वही मसूद अजहर है जिसको 1994 में भारतीय सुरक्षाबलों ने श्रीनगर से गिरफ्तार किया था। मसूद अजहर का लंबा आतंकी इतिहास है। सोमालिया से लेकर केन्या और अलकायदा तक से इसके संबंध रहे हैं।
जैश ने कराए कई हमले
आतंकी गतिविधियों के मद्देनजर मसूद ब्रिटेन भी गया था। इस आतंकी को दिसंबर 1999 में हुए कंधार विमान अपहरण के बाद यात्रियों की सुरक्षित रिहाई के चलते भारत सरकार को मजबूरन छोड़ना पड़ा था। आपको यहां पर ये भी बता दें कि जैश ए मुहम्मद ने भारत में कई बड़े हमलों को अंजाम दिया है। इसमें संसद हमला, पठानकोट हमला, मुंबई हमला और फिर पुलवामा हमला शामिल है। भारत बार-बार इसको संयुक्त राष्ट्र से वैश्विक आतंकी घोषित करने की कोशिश करता रहा है। लेकिन इस पर चीन बार-बार वीटो पावर का इस्तेमाल कर अड़ंगा लगाता रहा है। अब यही कोशिशें फिर से हो रही हैं।
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विश्व ने की पुलवामा हमले की निंदा
अब बात करते हैं कि पाकिस्तान के बालकोट में की गई कार्रवाई के बाद कितने देश भारत के साथ हैं। आपको बता दें कि पुलवामा हमले की वैश्विक मंच पर कड़ी भर्त्सना की गई थी। इतना ही नहीं कई देशों ने इसके बाद जैश के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने की मांग संयुक्त राष्ट्र से की। इसके मद्देनजर अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव नंबर 1267 भी पेश किया है। यहां पर आपको बता दें कि सुरक्षा परिषद में हर माह एक नया अध्यक्ष बनता है जो इसके स्थाई सदस्यों में से ही होता है। मार्च में यह मौका फ्रांस को मिलने वाला है। फ्रांस इस प्रस्ताव को लेकर पूरी तरह से तैयार है। वह सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य भी है और वीटो पावर भी रखता है। लिहाजा भारत को उम्मीद है कि इस बार वह अपनी कोशिश में कामयाब हो सकेगा।
ये हैं भारत के साथ
यहां पर एक चीज और ध्यान रखने वाली है और वो ये है कि अमेरिका पाकिस्तान को बार-बार अपने यहां से आतंकवाद को खत्म करने की हिदायत देता रहा है। इतना ही नहीं अमेरिका की तरफ से यहां तक कहा गया है कि भारत को पूरा हक है कि वह अपनी सुरक्षा के लिए कठोर कदम उठाए। बालाकोट में हुई कार्रवाई को भी अमेरिका ने गलत नहीं कहा है। इसके अलावा जर्मनी, हंगरी, इटली, कनाडा, इजराइल, आस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया, स्वीडन, स्लोवाकिया, फ्रांस, स्पेन, सऊदी अरब और भूटान ने इस मुद्दे पर भारत का समर्थन किया है।
पाक को ओआईसी का साथ
जहां तक यूरोपियन यूनियन की बात है तो पुलवामा हमले की उन्होंने कड़ी निंदा की है। हालांकि ईयू ने साफ कर दिया है कि वह किसी भी विवादित मुद्दे को बातचीत के जरिए ही सुलझाने का पक्षधर है। पुलवामा के बाद ईयू उपाध्यक्ष फैडरिका मोघेरिनी ने दोनों से तनाव दूर करने और संयंम बरतने की अपील की थी। जहां तक ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कार्पोरेशन (ओआईसी) की बात है तो आपको बता दें कि इसके करीब 57 सदस्य हैं। पुलवामा के बाद भारत ने जो कार्रवाई बालाकोट में की थी उसके बाद इस संगठन ने भारत के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर कार्रवाई को गलत बताया था। ओआईसी के अलावा फिलहाल पाकिस्तान का साथ और कोई देश नहीं दे रहा है।

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