अलगाववाद व आतंक की दोहरी मार झेल रहा यमन
आत्मघाती विस्फोट मे 96 सैनिको की मौत के एक दिन बाद सना मे उत्तर और दक्षिणी यमन के एकीकरण की 22 वी वर्षगांठ मनाई गई है। इस मौके पर देश के राष्ट्रपति अब्द्राबू मंसूर हादी ने आतंकवाद के खात्मे का संकल्प लिया, लेकिन इस चुनौती से पार पाना उनके लिए इतना आसान नही है। यमन न केवल आतंकवाद बल्कि अलगाववाद से भी जूझ रहा है।
सना। आत्मघाती विस्फोट में 96 सैनिकों की मौत के एक दिन बाद सना में उत्तर और दक्षिणी यमन के एकीकरण की 22 वीं वर्षगांठ मनाई गई है। इस मौके पर देश के राष्ट्रपति अब्द्राबू मंसूर हादी ने आतंकवाद के खात्मे का संकल्प लिया, लेकिन इस चुनौती से पार पाना उनके लिए इतना आसान नहीं है। यमन न केवल आतंकवाद बल्कि अलगाववाद से भी जूझ रहा है।
मंगलवार को राष्ट्रपति हादी जब सना में भाषण दे रहे थे, उस वक्त अलकायदा की अरब प्रायद्वीप शाखा एक्यूएपी के प्रभाव वाले दक्षिणी क्षेत्रों में हिंसक प्रदर्शन हो रहे थे। दक्षिणी यमन में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच खूब झड़पें हुई। गोलीबारी में एक प्रदर्शनकारी की मौत भी हो गई। प्रदर्शनकारी राष्ट्र के एकीकरण की 22वीं वर्षगांठ का विरोध कर रहे थे।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने पत्थर चलाए, टायरों को आग लगा दी और दुकानें बंद करवाई। यह प्रदर्शन सदर्न मूवमेंट के तहत किए गए। इस आंदोलन को अलकायदा का समर्थन प्राप्त है और यमन के पूर्व उपराष्ट्रपति अली सलेम अल बाइद इसके अगुआ हैं।
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