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'मंगल अभियानों के लिए बेहतर साबित होंगी महिलाएं'

मंगल पर मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियानों और वहां मानव बस्तियां बसाने की संभावनाएं तलाश रहे वैज्ञानिकों ने लाल ग्रह की भौगोलिक संरचना और वायुमंडल में जीवित रह पाने की जैविक क्षमता तथा अंतरिक्ष अभियान के खर्चे की व्यावहारिकता का गहन विश्लेषण करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है।

By vivek pandeyEdited By: Published: Fri, 24 Oct 2014 05:29 PM (IST)Updated: Fri, 24 Oct 2014 06:53 PM (IST)
'मंगल अभियानों के लिए बेहतर साबित होंगी महिलाएं'

सैनफ्रांसिस्को। मंगल पर भविष्य के मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियानों के लिए महिलाएं पुरुषों से बेहतर साबित होंगी। यह वैज्ञानिक तथ्यों से साबित की गई सच्चाई है।

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मंगल पर मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियानों और वहां मानव बस्तियां बसाने की संभावनाएं तलाश रहे वैज्ञानिकों ने लाल ग्रह की भौगोलिक संरचना और वायुमंडल में जीवित रह पाने की जैविक क्षमता तथा अंतरिक्ष अभियान के खर्चे की व्यावहारिकता का गहन विश्लेषण करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि मंगल के मानवयुक्त अभियान को कम से कम संसाधनों में संचालित करना होगा। ऐसे में कैलोरी खपत हो, वजन की बात हो या फिर बौद्घिक क्षमता, सभी लिहाज से महिलाएं ज्यादा व्यावाहारिक रहेंगी। महिलाओं की रोजाना कैलोरी खपत क्षमता 2 हजार से नीचे ही रहती है, जबकि पुरुषों में यह सामान्यत: 3 हजार को पार कर जाती है। शारीरिक जैविक क्षमता के लिहाज से भी महिलाएं पुरषों से ज्यादा सक्षम साबित होती हैं। फिर दूसरी बात यह भी है कि अंतरिक्ष अभियानों के लिए जिस बौद्घिक क्षमता की बात होती है वह भी महिलाओं में कम नहीं होती।

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