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    UN ने माना जुलियन असांजे को गलत तरीके से हिरासत में रखा गया

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Fri, 05 Feb 2016 02:40 PM (IST)

    संयुक्त राष्ट्र ने माना है कि विकिलिक्स के संस्थापक जुलियन असांजे को गलत तरीके से हिरासत में लिया गया था। यूएन के इस फैसले से असांजे को काफी राहत मिली है क्योंकि उन्होंने कल ही कहा था कि यदि यूएन इस बाबत उनके हक में फैसला देता है या यह

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    लंदन। संयुक्त राष्ट्र के पैनल ने माना है कि विकिलिक्स के संस्थापक जुलियन असांजे को स्वीडन और ब्रिटेन ने गलत तरीके रोक कर रखा गया है। अपने फैसले में पैनल ने माना है कि इस तरह से रोक कर न सिर्फ उनके मानवाधिकारों का हनन किया गया है बल्कि अन्य दूसरे अधिकारों से भी उन्हें वंचित रखा गया है। यूएन के इस पैनल ने उन्हें छोड़ने को भी कहा है जिससे वह अपने कानूनी अधिकारों का इस्तेमाल कर सकें।

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    यूएन के इस फैसले से असांजे को काफी राहत मिली है क्योंकि उन्होंने कल ही कहा था कि यदि यूएन इस बाबत उनके हक में फैसला देता है या यह कहता है कि उनकी हिरासत सही है तो वह पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर देंगे। उन्हें 7 दिसंबर 2010 को ब्रिटेन में गिरफ्तार किया गया था।

    असांजे कई सालों से लंदन में स्थित इक्वाडोर दूतावास में शरण लिए हुए हैं। उम्मीद जताई है कि अब असांज का पासपोर्ट लौटा दिया जाएगा और गिरफ्तारी के आदेश भी खत्म कर दिए जाएंगे। 2014 में असांज ने यूएन के वर्किंग ग्रुप के सामने स्वीडन और ब्रिटेन के खिलाफ मनमानी हिरासत का केस यह कहते हुए दर्ज करवाया था कि दूतावास में उन्हें कैद करना अवैध है।

    यूएन का फैसला हक में न होने पर असांजे कर देंगे आत्मसमर्पण

    मालूम हो कि असांजे पर लगे दुष्कर्म के आरोपों के बाद से ही उन्होंने पूर्वी लंदन में स्थित इक्वाडोर के दूतावास में पिछले साढ़े तीन साल से शरण ले रखी है। असांजे को डर है कि उन्हें सेना और कूटनीति से जुड़े हुए सैकड़ों कागजात लीक करने की वजह से अमरीका को प्रत्यार्पित किया जा सकता है।

    पढ़ें: जूलियन असांजे पुलिस के समक्ष समर्पण को तैयार

    असांजे की गिरफ्तारी पर स्वीडन की सुप्रीम कोर्ट ने किया रोक से इंकार