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मोदी सरकार से मजबूत रिश्ते चाहता है अमेरिका

इन दिनों भारत एशियाई परिदृश्य को और मजबूत आकार देने में जुटा है। इस काम में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को देखकर अमेरिका भी अचंभित है। यही वजह है कि वाशिंगटन अब भारत के साथ न सिर्फ सहयोगात्मक साझेदारी की चाहता है, बल्कि मजबूत रिश्ते भी निभाने की बात कह रहा है।

By Edited By: Published: Thu, 17 Jul 2014 12:40 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jul 2014 02:11 PM (IST)
मोदी सरकार से मजबूत रिश्ते चाहता है अमेरिका

वाशिंगटन। इन दिनों भारत एशियाई परिदृश्य को और मजबूत आकार देने में जुटा है। इस काम में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को देखकर अमेरिका भी अचंभित है। यही वजह है कि वाशिंगटन अब भारत के साथ न सिर्फ सहयोगात्मक साझेदारी की चाहता है, बल्कि मजबूत रिश्ते भी निभाने की बात कह रहा है। दक्षिण एशिया में तैनात अमेरिकी अधिकारी निशा देसाई बिस्वाल ने बुधवार को भारत-अमेरिका संबंध के बारे में बताते हुए भारत को एक अपरिहार्य साझेदार बताया। उन्होंने कहा कि भारत को गति देने के लिए जिस तरह से प्रशासनिक फैसले लिये जा रहे हैं वो सामरिक स्तर पर अमेरिका के हित में है।

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निशा देसाई बिस्वाल ने बताया कि भारत के चुनावी इतिहास में भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जो अभूतपूर्व सफलता मिली है, वो दोनों देशों के रिश्तों को एक नई ऊंचाई तक पहुंचाने वाला है। बिस्वाल ने कहा कि ये सिर्फ एशिया में ही नहीं बल्कि एशियाई देशों के साथ-साथ उनके साझेदार देशों को भी सफलता दिलाने वाला होगा। उन्होंने कहा कि एशियाई परिदृश्य को एक मजबूत आकार देने में भारत एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है जो आने वाले दशक में सबके सामने होगा। उनके मुताबिक भारत के साथ अमेरिका का संबंध इस दिशा में तेजी से एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

सीनेट में बिस्वाल ने मोदी सरकार का गुणगान करते हुए उल्लेख किया कि इस सरकार ने बुनियादी ढांचा, विनिर्माण, सैन्य आधुनिकीकरण, ऊर्जा सुरक्षा, अधिक से अधिक विदेशी निवेश को आकर्षित करने और उसके प्रमुख प्राथमिकताओं के रुप में कौशल परीक्षण और शिक्षा के विस्तार के उपयोग की पहचान की है। उन्होंने कहा कि इन सभी क्षेत्रों के बारे में अमेरिका काफी विचार करता है। भारत में आने वाली समस्याओं का सामना करने के लिए ये सेक्टर दोनों देशों के लिए अच्छे अवसर सृजित करेंगे। अमेरिकी महिला अधिकारी ने बताया कि अमेरिका भारत के साथ एक मजबूत और सहयोगात्मक साझेदारी निभा सकता है जो दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को और मजबूती प्रदान करेगी।

गौरतलब है कि पिछले महीने अमेरिकी सचिव जॉन कैरी और भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बीच कई मुद्दों पर नई दिल्ली में बातचीत हुई थी। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसी वर्ष अमेरिका की यात्रा करने वाले हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन्हें भारत आने का न्योता दिया है।

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