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मोदी ने स्वीकारा ओबामा का न्योता

भारत में निजाम बदलने के बाद नई रणनीतिक साझेदारी के लिए उतावले अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शुक्रवार को अपना दूत भेजकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिका आने का औपचारिक न्योता दिया। मोदी ने इसे स्वीकार करते हुए कहा कि उन्हें अपनी अमेरिका यात्रा का इंतजार है। निमंत्रण के लिए ओबामा का शुक्रिया अदा करते हुए उन्होंने कहा, आशा है कि इस यात्रा के ठोस परिणाम आएंगे जो दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को नई गति और ऊर्जा प्रदान करेंगे।

By Edited By: Published: Fri, 11 Jul 2014 01:49 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jul 2014 07:34 AM (IST)
मोदी ने स्वीकारा ओबामा का न्योता

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। भारत में निजाम बदलने के बाद नई रणनीतिक साझेदारी के लिए उतावले अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शुक्रवार को अपना दूत भेजकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिका आने का औपचारिक न्योता दिया। मोदी ने इसे स्वीकार करते हुए कहा कि उन्हें अपनी अमेरिका यात्रा का इंतजार है। निमंत्रण के लिए ओबामा का शुक्रिया अदा करते हुए उन्होंने कहा, आशा है कि इस यात्रा के ठोस परिणाम आएंगे जो दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को नई गति और ऊर्जा प्रदान करेंगे।

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वैसे प्रधानमंत्री का सितंबर में अमेरिकी दौरा पहले से तय है। इसके मुताबिक वह 30 सितंबर को अमेरिका पहुंचेंगे। ओबामा के दूत के रूप में अमेरिकी उप विदेश मंत्री विलियम ब‌र्न्स ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में मोदी से मुलाकात की और ओबामा का एक पत्र उन्हें सौंपा। पीएमओ के मुताबिक ओबामा ने अपने पत्र में मोदी को वाशिंगटन यात्रा का अपना आमंत्रण दोहराते हुए कहा है कि वह भारत-अमेरिका संबंधों को 21वीं सदी में निर्णायक साझेदारी का रूप देने के लिए उनके साथ घनिष्ठता से काम करने के इच्छुक हैं।

इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी को नई ऊर्जा प्रदान करने से इस क्षेत्र और उसके आगे भी एक महत्वपूर्ण संदेश जाएगा। मोदी ने भारत-अमेरिका संबंधों की अहमियत भी बताई। उन्होंने कहा, विश्व के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच संबंध न केवल दोनों देशों की बेहतरी बल्कि शांति, स्थिरता और विश्व की समृद्धि के लिए मजबूत ताकत के तौर पर उभरना चाहिए।

मोदी से मुलाकात में अमेरिकी उपविदेश मंत्री ने आर्थिक संबंधों को मजबूती प्रदान करने की ओबामा की इच्छा जताई। इसके तहत अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी और विनिर्माण क्षेत्र, उर्जा सुरक्षा बढ़ाने में सहयोग, समुद्री सुरक्षा सहित सुरक्षा सहयोग में बढोतरी, आतंकवाद रोधी और गुप्तचर आदान-प्रदान, विस्तारित मशविरा, अफगानिस्तान पर समन्वय और एशिया में सुरक्षा एवं समृद्धि बढ़ाने के लिए और व्यापक तौर पर काम करने जैसे मुद्दे शामिल हैं।

मोदी ने दोनों देशों के बीच सहयोग में युवाओं को शामिल किए जाने पर विशेष जोर दिया। पीएमओ के अनुसार मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति की फोन पर बधाई का भी उल्लेख किया। मोदी और ब‌र्न्स की इस मुलाकात के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश सचिव सुजाता माथुर और दक्षिण व मध्य एशियाई मामलों की अमेरिकी उप विदेश मंत्री निशा बिस्वाल भी मौजूद थीं।

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