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एनएसजी में भारत की एंट्री पर 'दीवार' बने चीन को अमेरिका ने फटकारा

अमेरिकी उप मंत्री शैनन ने चीन को फटकार लगाते हुए कहा कि सिर्फ एक देश के लिए अंतरराष्ट्रीय सहमति को तोड़ा नहीं जा सकता

By anand rajEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2016 12:24 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2016 05:33 AM (IST)
एनएसजी में भारत की एंट्री पर 'दीवार' बने चीन को अमेरिका ने फटकारा

नई दिल्ली, प्रेट्र : परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में चीन के नेतृत्व में हुए विरोध के चलते भारत का प्रवेश बाधित होने के एक हफ्ते बाद अमेरिका ने कहा कि बस एक देश के चलते परमाणु व्यापार पर बनी अंतरराष्ट्रीय सहमति को नहीं तोड़ा जा सकता। साथ ही जोर दिया कि ऐसे सदस्य (चीन) को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।

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अमेरिका के राजनीतिक मामलों के उपमंत्री टॉम शैनन ने कहा कि अमेरिका एनएसजी में भारत का प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। अमेरिका के इस शीर्ष राजनयिक ने दुख जताया कि सियोल में पिछले हफ्ते समूह की सालाना बैठक में उनकी सरकार भारत को सदस्य बनाने में सफल नहीं रही।

उन्होंने कहा, 'हम मानते हैं कि सहमति आधारित संगठन में एक देश सहमति को तोड़ सकता है, लेकिन ऐसा करने पर उसे जवाबदेह बनाया जाना चाहिए न कि अलग- थलग किया जाना चाहिए।' भारत को एशिया प्रशांत क्षेत्र में 'स्थिरता का वाहक' बताते हुए शैनन ने कहा कि दक्षिण चीन सागर में चीन जो कर रहा है वह पागलपन है। अमेरिका चाहता है कि हिंद महासागर में भारत बड़ी भूमिका निभाए।

परमाणु अप्रसार के क्षेत्र में भारत को विश्वसनीय और महत्वपूर्ण शक्ति बताते हुए शैनन ने कहा, 'हम इस बात पर प्रतिबद्ध हैं कि भारत परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में शामिल हो।' एनएसजी में भारत के प्रवेश संबंधी प्रयास पर उन्होंने कहा कि भारत को इस समूह में शामिल किया जाए। इसके लिए अमेरिका लगातार काम करता रहेगा।

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