6 महीने में दूसरी बार US कांग्रेस में बिल पेश, PAK को करार दो आतंकी देश
ओसामा बिन लादेन को अपने यहां पनाह देने से लेकर हक्कानी नेटवर्क तक से अच्छे ताल्लुकात हैं। यह पता करने के काफी सबूत हैं कि आतंक के खिलाफ जंग में पाकिस्तान अमेरिका के साथ नहीं है।
वॉशिंगटन, जेएनएन। अमेरिकी सांसद टेड पो एक बार फिर पाकिस्तान की मुसीबतें बढ़ाते हुए नजर आ रहे हैं। उन्होंने इस बार न सिर्फ राष्ट्रपति ट्रंप से पाक के साथ रिशतों को फिर से तय करने की मांग की है बल्कि फिर से पाक को आतंकी देश घोषित करने वाली अपनी अपील दोहरा दी है। राष्ट्रपति ट्रंप के रुख को देखते हुए हो सकता है कि इस बार उनकी अपील मान ली जाए।
सितंबर में भी इसी मसले पर यूएस कांग्रेस में बिल लाया गया था। बीते 6 महीने में यह दूसरा मौका है, जब पाकिस्तान के खिलाफ अमेरिकी संसद में कोई बिल दोबारा पेश किया गया हो।
रिपब्लिकन सांसद और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में टेररिज्म पर बनी सबकमेटी के चेयरमैन टेड पो ने गुरुवार को कांग्रेस में 'पाकिस्तान स्टेट स्पॉन्सर ऑफ टेररिज्म एक्ट (HR 1449)' नाम के बिल को पेश किया। उन्होंने दलील दी कि पाकिस्तान न केवल गैर-भरोसेमंद सहयोगी है, बल्कि इस्लामाबाद कई सालों से अमेरिका के दुश्मनों को मदद दे रहा है।
पो ने आगे कहा कि ओसामा बिन लादेन को अपने यहां पनाह देने से लेकर हक्कानी नेटवर्क तक से अच्छे ताल्लुकात हैं। यह पता करने के काफी सबूत हैं कि आतंक के खिलाफ जंग में पाकिस्तान अमेरिका के साथ नहीं है। अब वक्त आ गया है कि पाक को उसकी धोखाधड़ी का सबक सिखाएं और उसे मदद देना बंद करें। उसे आतंक को बढ़ावा देने वाला मुल्क करार देना ही चाहिए।
इस बिल को पेश किए जाने के बाद अब विदेश मंत्री को बिल को लेकर फॉलोअप रिपोर्ट देनी होगी। इसमें बताना होगा कि क्या पाक आतंकवाद को प्रायोजित करता है। यदि ऐसा नहीं है, तो क्या उसने प्रभावित इलाकों में कार्रवाई के लिए कोई कानून बनाया? बिल के मुताबिक, यूएस प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प को 90 दिन में डिटेल्ड रिपोर्ट देनी होगी कि पाक इंटरनेशनल टेररिज्म को सपोर्ट करता है या नहीं।
जानना जरूरी है कि भारत की संसद में भी इस तरह का बिल पेश किया गया लेकिन इस पर चर्चा के बाद इसको वापस ले लिया गया। राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि हमें इसकी जांच कराने की कोई जरूरत नहीं है कि पाकिस्तान एक आतंकी देश है, हम ये पहले से ही जानते हैं।
राज्यसभा में राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने कहा कि किसी देश को आतंकी देश घोषित करने के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।
क्या कहता है विधेयक?
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से 90 दिनों के भीतर रिपोर्ट जारी कर यह बताने को कहा गया है कि क्या पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से निपटने में सहयोग दिया है।
इसके 30 दिन के बाद विदेश मंत्री से रिपोर्ट पेश करने की मांग की गई है जिसमें यह साफ तौर पर कहा जाए कि पाकिस्तान आतंकवाद का प्रायोजक देश है।
यदि पाकिस्तान को आतंकवाद प्रायोजक देश नहीं ठहराया जाता है तो रिपोर्ट में यह विस्तार से बताया जाए कि किन कानूनी पैमानों के तहत ऐसा किया गया है।
पहली बार नहीं
अमेरिका में पाकिस्तान को आतंकवाद प्रायोजक देश घोषित करने की मांग पहली बार नहीं उठाई गई है। इससे पहले बराक ओबामा के कार्यकाल में इस संबंध में ऑनलाइन याचिका ह्वाइट हाउस को भेजी गई थी। इसे भारी समर्थन मिला था। लेकिन, ओबामा प्रशासन ने उस मांग को ठुकरा दिया था।
सेना प्रमुख को भी संदेश
अमेरिकी मध्य कमान के कमांडर जनरल जोसेफ वोटेल ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में और अधिक दृढ़ता दिखाने का संदेश दिया है। सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति की सुनवाई में वोटेल ने कहा कि बाजवा ने उन आतंकी समूहों पर कार्रवाई शुरू की है जिनके खिलाफ कार्रवाई करने में उनके पूर्ववर्ती उत्सुकता नहीं दिखाते थे। लेकिन, जरूरत इस बात की है कि वह और अधिक दृढ़ संकल्प होकर इस पर ध्यान केंद्रित करें।
यह भी पढ़ें- पाकिस्तान: पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में हिंदू महिला की कुल्हाड़ी से हत्या
यह भी पढ़ें- मोसुल से भागा आईएस सरगना अबू बकर अल बगदादी