उत्तर कोरिया के सीमा क्षेत्र में अमेरिकी बमवर्षक विमान ने भरी उड़ान
अमेरिकी बमवर्षक विमान बी -1 ने दक्षिण कोरिया के लड़ाकू विमानों के साथ मिलकर उत्तर और दक्षिण कोरिया के सीमा क्षेत्र पर उड़ान भरी है।
सियोल (रॉयटर)। उत्तर कोरिया द्वारा हाल ही में किए गए परमाणु परीक्षण के बाद दक्षिण कोरिया के आसमान में अमेरिका ने बी-1 बमवर्षक विमान उड़ाकर उसे चेतावनी देने की कोशिश की है। इसमें सुपरसोनिक बी-1 बमवर्षक विमान के साथ दक्षिण कोरिया के लड़ाकू विमान भी शामिल थे। इन्होंने दक्षिण कोरिया के ओसान एयरबेस पर काफी नीचे उड़ान भरी। यह उड़ान उस क्षेत्र में भी भरी गई जो दोनों देशों की सीमा क्षेत्र के अंतर्गत आता है और इस इलाके को असैन्य क्षेत्र घोषित किया गया है।
उत्तर कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी केसीएनए ने कहा है कि अमेरिकी विमान के हवाई क्षेत्र में उड़ने से उनके देशवासियों में काफी गुस्सा है। एजेंसी ने कहा है कि अमेरिका लगातार क्षेत्र में तनाव को बढ़ाने का काम कर रहा है और यह किसी ज्वालामुखी के फटने जैसा ही है। उत्तर कोरिया ने साफ कर दिया है कि वह किसी भी तरह के प्रतिबंध से डरता नहीं है। यदि ऐसा कुछ होता है तो इतने हमले किए जाएंगे उसके दुश्मनों का नामोंंनिशान नहीं रहेगा। दूसरी और दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पाक ग्यूएन हे का कहना है उनकी सेना किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। यदि उत्तर कोरिया ने हम पर मिसाइल दागी तो उत्तर कोरिया का वजूद भी मिटा दिया जाएगा।
अमेरिकी बमवर्षक विमान की उड़ान पर सफाई देते हुए अमेरिका के राजदूत ने कहा कि अमेरिका अपने मित्र देशों की हर कीमत पर रक्षा करने के लिए स्वतंत्र है। दक्षिण कोरिया की राजधानी में अमेरिका के राजदूत संग किम ने कहा कि अमेरिका ने उत्तर कोरिया से इस पूरे क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए वार्ता के रास्ते कभी बंद नहीं किए हैं। इसके लिए अमेरिका प्यांगयांग से बात करने के लिए हमेशा तैयार है, लेकिन इसके लिए उसको अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को बढ़ाने की मुहिम बंद करनी होगी।
उन्होंने कहा कि अमेरिका की सोच हर हाल में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा पास किए गए रिजोल्यूशन को लागू करना है। इसमें उत्तर कोरिया के खिलाफ हाल ही लगाए गए प्रतिबंध भी शामिल हैं। उन्होंने यह बातें अपने समकक्ष की मौजूदगी में एक संवाददाता सम्मेलन में कहीं। उन्होंने चीन को संबोधित करते हुए कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र द्वारा पास किए गए रिजोल्यूशन की जरूरत को समझे। गौरतलब है कि उत्तर कोरिया पर लिए गए अमेरिका के निर्णय का चीन और रूस ने कड़ा विरोध किया है।
हालांकि चीन और रूस दोनों ही यह मानते हैं कि उत्तर कोरिया द्वारा किए गए परमाणु परीक्षण इस क्षेत्र में शांति बहाली की दिशा में परेशानी खड़ी कर रहे हैं। इन दोनों का ही कहना है कि उनकी कोशिश क्षेत्र में किसी भी टकराव को खत्म कर शांति कायम रखने की है। इसके साथ ही उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण के जवाब में दक्षिण कोरिया ने एडवांस्ड एंटी मिसाइल सिस्टम की तैनाती की है।
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