श्रीलंका युद्ध अपराधों की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग
अमेरिका स्थित एक हिंदू संगठन ने लिट्टे के खिलाफ श्रीलंका सरकार की निर्णायक कार्रवाई के दौरान युद्ध अपराधों की अंतरराष्ट्रीय स्वतंत्र जांच कराने की मांग की है।
वाशिंगटन। अमेरिका स्थित एक हिंदू संगठन ने लिट्टे के खिलाफ श्रीलंका सरकार की निर्णायक कार्रवाई के दौरान युद्ध अपराधों की अंतरराष्ट्रीय स्वतंत्र जांच कराने की मांग की है। जबकि अमेरिका इस मामले में संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार एजेंसी में घरेलू जांच के समर्थन में प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा है।
हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (एचएएफ) के वरिष्ठ निदेशक और मानवाधिकार फेलो समीर कालरा ने कहा कि श्रीलंका गृह युद्ध के पीडि़तों को न्याय दिलाना अमेरिका और अन्य यूएनएचआरसी सदस्य देशों की नैतिक जिम्मेदारी है। खासकर करीब 40 हजार तमिल नागरिकों को जो 2009 में युद्ध के अंतिम दिनों में मार दिए गए। पीड़ितों को न्याय दिलाने और इसकी जवाबदेही तय करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्वतंत्र जांच सबसे अच्छा साधन है। कालरा ने कहा कि इस मामले में घरेलू जांच पीडि़तों के जख्मों को भर नहीं सकता। एचएएफ ने कहा कि अमेरिका हाल ही में इस मामले में अपने पहले के रुख से पलट गया है। उसने श्रीलंका सरकार की घरेलू जांच कराने की योजना को समर्थन देने का संकेत दिया है।
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