भारतीय के दम से ट्रंप की पहली जीत
नए बिल को पास कराने के लिए वह कई बार कैपिटल हिल गई और उपराष्ट्रपति माइक पेंस के साथ मिलकर सांसदों को ओबामाकेयर हटाने के लिए राजी किया।
वाशिंगटन, प्रेट्र : सौ दिन के संक्षिप्त कार्यकाल में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जश्न मनाने का पहला मौका गुरुवार को मिला। इसके पीछे सबसे महत्वपूर्ण भूमिका भारतीय मूल की सीमा वर्मा की रही। सेंटर फॉर मेडिकेयर और मेडिकेड सर्विसेज की प्रशासक वर्मा नए स्वास्थ्य बिल 'हेल्थकेयर' की मुख्य सूत्रधार हैं। प्रतिनिधि सभा में अफोर्डबल केयर एक्ट (ओबामाकेयर) को निरस्त करने वाले बिल को पास कराने में उनकी अहम भूमिका रही है।
नए बिल को पास कराने के लिए वह कई बार कैपिटल हिल गई और उपराष्ट्रपति माइक पेंस के साथ मिलकर सांसदों को ओबामाकेयर हटाने के लिए राजी किया। यही कारण है कि ह्वाइट हाउस के रोज गार्डेन में जब इस सफलता का जश्न मनाया गया तो वर्मा भी ट्रंप के साथ मंच साझा कर रही थीं। कार्यक्रम को संबोधित करने वाली वह इकलौती गैर राजनीतिक शख्सियत थीं।
उन्होंने कहा, मैंने देशभर में कई माताओं से बात की। वे सभी हेल्थकेयर की बढ़ती कीमतों से चिंतित थीं। इस समस्या के समाधान की दिशा में ओबामाकेयर का निरस्त होना बेहद महत्वपूर्ण है। नए बिल से उनलोगों को फायदा होगा जिनके पास कोई और विकल्प नहीं है।
ट्रंप प्रशासन में वर्मा सर्वोच्च पद पर आसीन निक्की हेली के बाद दूसरी भारतीय अमेरिकी हैं। वह फिलहाल इंडियाना में रहती हैं। उन्होंने 1993 में यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड कॉलेज पार्क से जीव विज्ञान में ग्रेजुएशन पूरी की थी। 2001 में उन्होंने हेल्थ पॉलिसी कंसल्टिंग फर्म एसवीसी की शुरुआत की। मेडिकेड प्रोग्राम के क्षेत्र में उनका काम काफी सराहनीय रहा है।
विरोध में भारतवंशी सांसद
भारतीय मूल के सभी सांसदों एमी बेरा, रो खन्ना, प्रमिला जयपाल और राजा कृष्णमूर्ति ने प्रतिनिधि सभा में नए बिल के विरोध में मतदान किया। चारों विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी के अलावा मरीजों, डॉक्टरों और अस्पतालों के कई समूह भी इसका विरोध कर रहे हैं। प्रतिनिधि सभा में मतदान के बाद कई अमेरिकी शहरों में ओबामाकेयर के समर्थन में प्रदर्शन भी हुए।
सीनेट की बाधा कायम
435 सदस्यों वाली प्रतिनिधि सभा में 235 सदस्यों के साथ रिपब्लिकन पार्टी बहुमत में है। लेकिन, नए बिल के पक्ष में 217 वोट ही पड़े। 213 वोट विरोध में पड़े। एक भी डेमोक्रेटिक सांसद ने इसका समर्थन नहीं किया। अब यह बिल सीनेट में जाएगा। उच्च सदन में भी इसके पास होने की फिलहाल कोई गारंटी नहीं है। हालांकि ट्रंप का कहना है कि सीनेट में बिल पास होने को लेकर वे आश्र्वस्त हैं।
मार्च में पीछे हटना पड़ा था
ओबामाकेयर को निरस्त करना ट्रंप के प्रमुख चुनावी वादों में से एक था। सत्ता संभालते ही उन्होंने इस संबंध में एक कार्यकारी आदेश जारी किया था। वे जो नई योजना लेकर आए हैं उसका नाम 'अमेरिकन हेल्थकेयर एक्ट' है। मार्च में पर्याप्त समर्थन नहीं मिलता देख ट्रंप प्रशासन ने प्रतिनिधि सभा से यह बिल वापस ले लिया था। उस समय ट्रंप ने निराशा जताते हुए कहा था कि वे अब अन्य प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
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