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    स्मार्टफोन भी छोड़ते हैं अंगुलियों के निशान, जो मिट नहीं सकते

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    Updated: Wed, 30 Apr 2014 10:55 AM (IST)

    आप अपनी अंगुलियों के निशान कंप्यूटर के की-बोर्ड से लेकर दरवाजों के हैंडल तक पर छोड़ते हैं, पर क्या आप जानते हैं कि आपका स्मार्टफोन भी अंगुलियों के निशान छोड़ता है और खास बात यह है कि इसके निशान अमिट होते हैं। भारतीय मूल के तीन शोधकर्ताओं ने मोबाइल उपकरणों में एक्सीलीरोमीटर का उपयोग करने के बाद पाय

    वाशिंगटन। आप अपनी अंगुलियों के निशान कंप्यूटर के की-बोर्ड से लेकर दरवाजों के हैंडल तक पर छोड़ते हैं, पर क्या आप जानते हैं कि आपका स्मार्टफोन भी अंगुलियों के निशान छोड़ता है और खास बात यह है कि इसके निशान अमिट होते हैं।

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    भारतीय मूल के तीन शोधकर्ताओं ने मोबाइल उपकरणों में एक्सीलीरोमीटर का उपयोग करने के बाद पाया कि फोन में अलग-अलग तरह की अंगुलियों के निशान रह गए हैं। अंगुलियों के ये निशान उपकरण के निर्माण के दौरान व्यक्तिगत विशेषता के साथ डाले गए थे और जब मोबाइल से कई तरह के कार्य किए गए, तब भी ये निशान दिखाई दिए। यहां तक कि अगर आप अपने फोन से सारे सॉफ्टवेयर हटा दें या फिर से सारे सॉफ्टवेयर डालें, तो ऐसे निशान तब भी रह जाते हैं।

    साउथ कैरोलीना यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर रोमित रॉय चौधरी ने विस्तार से बताया कि जब आप हार्डवेयर का निर्माण करते हैं, तो कारखाने में लाखों की संख्या में संकेतात्मक चीजों का प्रयोग किया जाता है, जिन्हें उजागर नहीं किया जाता है। इसलिए ये एक तरह से फोन में निशान के रूप में रहती हैं। स्नातक छात्र सैनोरीटा डे और निरू पम रॉय के साथ चौधरी ने प्रयोग के दौरान पाया कि एक तरह से अंगुलियों के ये निशान स्मार्टफोन के सेंसर में मौजूद रहते हैं। शोधकर्ताओं ने विशेष तौर पर एक्सीलीरोमीटर पर ध्यान दिया, जो एक ऐसा सेंसर होता है, जो फोन के तीनों आयामों की गतिविधियों पर नजर रखता है, जिसमें पेडोमीटर के साथ-साथ नींद पर ध्यान देना, मोबाइल गेमिंग जैसे अनगिनत एप्लीकेशन शामिल हैं। शोधकर्ताओं ने नौ महीने की अवधि में 100 से ज्यादा उपकरणों का परीक्षण किया, जिसमें 80 ऐसे एक्सीलोरोमीटर चिप्स भी थे, जो स्मार्ट फोन, 25 एंड्रॉयड फोन और दो टेबलेट में उपयोग में लाए गए थे। इस प्रयोग में 96 फीसद स्पष्टता के साथ शोधकर्ताओं ने एक सेंसर को दूसरे सेंसर से अलग रखा था। डे ने बताया किहमें न तो फोन के बारे में कोई जानकारी चाहिए थी, न ही फोन नंबर या सीम कार्ड नंबर की आवश्यकता थी। केवल आंकड़े देखकर ही हम यह बता सकते हैं कि किस उपकरण की यह जानकारी है। शोध में यह भी स्पष्ट हुआ कि फोन में लगे दूसरे सेंसर गाइरोस्कोप्स, मैग्नेटोमीटर, माइक्रोफोन, कैमरा आदि में अलग-अलग तरह के गुण होते हैं।

    शोधकर्ताओं ने पाया कि स्मार्ट फोन के उपयोगकर्ताओं, ई-बुक के पाठकों, स्मार्ट वाच पहनने वाले, टेबलेट के प्रति उत्सुक लोगों के अनुभव इससे भी आश्चर्यजनक हैं, जो सतर्कता के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं। यह शोध नेटवर्क और डिस्ट्रीब्यूटेड सिस्टम्स सिक्योरिटी सिम्पोजियम (एनडीएसएस) जैसे वायरलेस एवं वेब सिक्योरिटी विषय पर हुई एक कॉन्फ्रेंस में प्रस्तुत किया गया।

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