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    ओबामा के साथ कश्मीर मुद्दा उठाने पर अड़े शरीफ

    By Edited By:
    Updated: Wed, 23 Oct 2013 10:32 PM (IST)

    वाशिंगटन। ओबामा प्रशासन द्वारा कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता से इन्कार किए जाने के बावजूद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ मुलाकात के दौरान इस मुद्दे को उठाने पर अड़े दिखाई दे रहे हैं। अमेरिका से आर्थिक मदद हासिल करने के अलावा ड्रोन हमले बंद करवाना भी शरीफ के एजेंडे में शामिल है।

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    वाशिंगटन। ओबामा प्रशासन द्वारा कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता से इन्कार किए जाने के बावजूद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ मुलाकात के दौरान इस मुद्दे को उठाने पर अड़े दिखाई दे रहे हैं। अमेरिका से आर्थिक मदद हासिल करने के अलावा ड्रोन हमले बंद करवाना भी शरीफ के एजेंडे में शामिल है।

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    पढ़ें: अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए पाक से संबंध काफी अहम

    दोनों देशों के अधिकारियों ने बताया कि वाशिंगटन और इस्लामाबाद के संबंध उतार-चढ़ाव से गुजर रहे हैं। ओबामा और शरीफ मुलाकात के दौरान न केवल विवादित मसलों पर चर्चा होगी बल्कि दोनों नेता यह दिखाने की कोशिश भी करेंगे कि द्विपक्षीय संबंध मजबूत हो रहे हैं। बैठक का समय 90 मिनट निर्धारित किया गया है। बैठक से पहले व्हाइट हाउस ने बताया कि पाकिस्तान से उनके संबंध बेहद महत्वपूर्ण हैं। ऊर्जा, व्यापार, आर्थिक सहयोग, क्षेत्रीय स्थायित्व और चरमपंथ के खिलाफ लड़ाई कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर दोनों नेता चर्चा करेंगे। अमेरिका पाकिस्तान की जनता के हित में कदम उठाएगा। मंगलवार को वाशिंगटन में एक थिंक टैंक बैठक के दौरान शरीफ ने साफ किया था कि वह ड्रोन हमले बंद करवाने और कश्मीर पर अमेरिकी मध्यस्थता का मुद्दा उठाएंगे।

    बंद नहीं होंगे ड्रोन हमलेड्रोन हमले बंद करने की पाकिस्तान की मांग पर ओबामा प्रशासन ने साफ इन्कार कर दिया है। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जे कार्नी ने बुधवार को कहा कि ये हमले आतंकियों की नकेल कसने के लिए किए जाते हैं। ये न केवल कानूनी बल्कि असरदार भी हैं। आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका का यह अभियान कानूनन सही है।

    कार्नी के इस बयान से पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को धक्का पहुंचा होगा। वह इसी उम्मीद के साथ वाशिंगटन पहुंचे हैं कि अमेरिकी नेतृत्व को ड्रोन हमले बंद करने पर राजी करा लेंगे। नवाज शरीफ ने आरोप लगाया था कि अमेरिका उनके देश में ड्रोन हमले कर अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन कर रहा है। इन हमलों में कई आम नागरिकों ने भी जान गंवाई है।

    कार्नी ने कहा, हम दोनों आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। हम कभी आम नागरिकों को निशाना नहीं बनाते। हम चाहते हैं कि आतंकी हमले रुकें और इनकी जानकारी साझा की जाए। ड्रोन विमानों ने इस अभियान में काफी सफलता हासिल की है। अमेरिका हमेशा इस बात का विशेष ख्याल रखता है कि आतंक के खिलाफ लड़ाई में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन न हो। विदेश मंत्रालय की उप प्रवक्ता मैरी हर्फ ने कहा, पाकिस्तान की ऐसी मांग पर न तो हां कहा जा सकता है न ही ना। यह मांग अन्य बातों से अलग है। ये आसान सवाल नहीं है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई दोनों की है, इस बात के लिए वो जब आगे बढ़ेंगे हम लोग हमेशा बात करेंगे।

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