म्यांमार में बच्चों को इस्तेमाल कर रहे रोहिंग्या विद्रोही
म्यांमार के रखाइन प्रांत में रोहिंग्या विद्रोहियों पर पर बच्चों को इस्तेमाल करने और स्थानीय लोगों के घरों में आग लगाने का आरोप लगाया है।
यंगून, एएफपी। म्यांमार के रखाइन प्रांत में रोहिंग्या विद्रोहियों पर पर बच्चों को इस्तेमाल करने और स्थानीय लोगों के घरों में आग लगाने का आरोप लगाया है। विद्रोहियों ने हालांकि इन आरोपों को खारिज किया है। रोहिंग्या विद्रोहियों ने पिछले दिनों प्रदेश के 30 पुलिस नाकों और एक सैन्य अड्डे पर हमला कर दिया था। इसमें सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
विद्रोहियों पर लगाए गंभीर आरोप
नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू की स्टेट काउंसलर हैं। सभी सरकारी विभाग उनके अंतर्गत आते हैं। सोमवार को उनके कार्यालय ने फेसबुक पोस्ट में विद्रोहियों पर गंभीर आरोप लगाए। इसमें कहा गया, 'आतंकी बच्चों को आगे कर सुरक्षा बलों से लड़ रहे हैं। वे अल्पसंख्यक समुदाय के घरों में आग लगा रहे हैं। हालांकि, उन लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है जिनका आतंकियों से कोई संबंध नहीं है।'
रोहिंग्या मुस्लिमों ने ली थी शरण
विद्रोही संगठन अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (आरसा) ने टिवटर पर बयान जारी कर आरोपों को खारिज किया है। रखाइन में ताजा हिंसा भड़कने के बाद हजारों की तादाद में रोहिंग्या मुस्लिम बांग्लादेश की ओर भाग रहे हैं। वहीं, बांग्लादेशी सुरक्षाबल उन्हें वापस म्यांमार की सीमा में धकेल रहे हैं। पिछले साल अक्टूबर में रखाइन प्रांत में हिंसा भड़कने पर हजारों की तादाद में रोहिंग्या मुस्लिमों ने बांग्लादेश में शरण ली थी।
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