इमरान ने पार्टी अध्यक्ष समेत चार को निकाला
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के इस्तीफे के लिए दो हफ्ते से भी ज्यादा समय से मोर्चा खोले इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) को करारा झटका लगा है। इमरान की आलोचना करने वाले पार्टी अध्यक्ष एवं वरिष्ठ नेता जावेद हाशमी समेत इस्तीफे से इन्कार करने वाले तीन सांसदों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के इस्तीफे के लिए दो हफ्ते से भी ज्यादा समय से मोर्चा खोले इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) को करारा झटका लगा है। इमरान की आलोचना करने वाले पार्टी अध्यक्ष एवं वरिष्ठ नेता जावेद हाशमी समेत इस्तीफे से इन्कार करने वाले तीन सांसदों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।
हाशमी ने पीएम आवास की ओर प्रदर्शनकारियों का मार्च कराने के लिए इमरान की निंदा की थी। उन्होंने शनिवार रात इस मार्च में हिस्सा लेने से इन्कार कर दिया था। उन्होंने इसे सामूहिक निर्णय प्रक्रिया के खिलाफ बताते हुए कहा था कि इस तरह के कदम से खूनखराबा फैलेगा। हाशमी ने इमरान की कड़ी निंदा करते हुए कहा, 'किसी भी देश में प्रधानमंत्री आवास के सामने लाठियां लेकर हजारों लोग प्रदर्शन नहीं करते। खान की नीतियां देश को सैन्य शासन की ओर ले जा रही हैं।'
दूसरों के इशारे पर काम करने का गंभीर आरोप लगाते हुए हाशमी बोले, 'पीएम आवास की ओर मार्च करने का फैसला एक संदिग्ध मैसेज आने के बाद लिया गया। इससे पहले कोई नहीं जानता था कि इमरान यह घोषणा करने वाले हैं।' हाशमी के इस खुलासे के बाद पाकिस्तान के टीवी चैनलों पर इस संदिग्ध मैसेज को लेकर बहस छिड़ गई। मीडिया रिपोर्टो में दावा किया गया है कि पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की कैबिनेट में शामिल रहे शेख रशीद अहमद ने यह मैसेज भेजा था। इमरान पर पहले ही सेना के इशारे पर काम करने के आरोप लग रहे हैं। यदि यह सच होता है तो उनका आंदोलन कमजोर पड़ जाएगा।
अपने ही पार्टी नेता की ओर से हुए इस अप्रत्याशित हमले से परेशान इमरान ने हाशमी को निष्कासित कर दिया। इमरान ने पीटीआइ के पेशावर से सांसद गुलजार खान, कराक से नासिर खान खटक और स्वात से मुसारत अहमदजेद को भी पार्टी से निकाल दिया है। इन तीनों ही सांसदों ने पार्टी अध्यक्ष की बात मानकर इस्तीफा देने से इन्कार कर दिया था।
पीएम नवाज के खिलाफ अहम लड़ाई लड़ रही पार्टी को इन आंतरिक समस्याओं से गंभीर नुकसान पहुंचा है। पार्टी कार्यकर्ता शरीफ को सत्ता से हटाने का उद्देश्य लिए राजधानी इस्लामाबाद में जमे बैठे हैं। वहीं पार्टी नेता आपस में ही भिड़ गए हैं। यदि यह अंदरूनी संकट और बढ़ता है तो पार्टी के सरकार विरोधी अभियान को करारा झटका लगेगा।
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