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    नमो के नजरिये को अमेरिका ने 'मोदी सिद्धांत' नाम दिया

    By Sanjeev TiwariEdited By:
    Updated: Sat, 11 Jun 2016 06:49 AM (IST)

    भारत-अमेरिका संबंध पर पीएम मोदी के विचारों को अोबामा प्रशासन ने मोदी सिद्धांत का नाम दिया है।

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    वाशिंगटन, प्रेट्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाल के दौरे को ओबामा प्रशासन ने ऐतिहासिक बताया। उसका मानना है कि इस दौरे से दोनों देशों के बीच हिचकिचाहट का दौर खत्म हो गया। इसके साथ ही भारत-अमेरिका संबंधों पर प्रधानमंत्री के नजरिये को 'मोदी सिद्धांत' का नाम दिया है।

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    अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री (दक्षिण एवं मध्य एशिया) निशा देसाई बिस्वाल ने कहा, इस सप्ताह की यात्रा और इससे पूर्व किए गए वषरें के प्रयास से स्पष्ट एवं दमदार दृष्टिकोण सामने आता है जिसे कांग्रेस के संयुक्त सत्र से पहले मोदी ने तैयार किया। इस दृष्टिकोण को मैं मोदी सिद्धांत कहती हूं जो दोनों देशों एवं हमारे साझा हितों के बीच समानता लेकर आया।निशा ने गुरुवार को यहां 'मोदी यात्रा के सुरक्षात्मक एवं रणनीतिक परिणाम' विषय पर चर्चा के दौरान यह बात कही।

    इसका आयोजन अमेरिकी थिंक टैंक 'हेरीटेज फाउंडेशन' और नई दिल्ली के संगठन 'द इंडिया फाउंडेशन' ने किया था।मोदी का साहसिक दृष्टिकोण:निशा ने कहा कि मोदी ने अपने भाषण में भारत-अमेरिका की साझीदारी के साहसिक दृष्टिकोण को सामने रखा। यह एशिया से लेकर अफ्रीका और हिंद महासागर से लेकर प्रशांत महासागर तक शांति, समृद्धि एवं स्थिरता का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। इसके साथ ही वाणिज्य के लिए समुद्री मागरें की सुरक्षा एवं नौवहन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने में मदद कर सकता है। मोदी सिद्धांत कहता है कि आपसी सहमति से बनाई गई सुरक्षा व्यवस्था की अनुपस्थिति से अनिश्चितता पैदा होती है।

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    एशिया का पुनर्संतुलन:उन्होंने कहा कि भारत अब एशिया के लिए पुनर्संतुलन की ओबामा प्रशासन की उस रणनीति का अहम घटक है जो इस बात को स्वीकार करती है कि अमेरिका की सुरक्षा एवं समृद्धि भारत-प्रशांत की सुरक्षा एवं समृद्धि पर काफी कुछ निर्भर करती है। पिछले वर्ष जारी संयुक्त रणनीतिक दृष्टिकोण ने भारत-प्रशांत और विश्र्वभर में हमारे साझे लक्ष्यों और हितों को निर्धारित किया।

    अब हम वह रोडमैप लागू कर रहे हैं जो इन लक्ष्यों को हासिल करने एवं इन हितों की रक्षा करने में सहयोग का मार्ग प्रशस्त करता है।हमने स्पष्ट निर्णय किया:इस अवसर पर भारत में अमेरिका के राजदूत रिचर्ड वर्मा का कहना था कि अमेरिका प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण का स्वागत करता है और इसमें शामिल होता है। हमने भारत को प्रमुख ताकत बनने में समर्थन देने का स्पष्ट एवं रणनीतिक निर्णय किया है।

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