मतदाताओं को लुभाने के लिएपीपीपी ने खर्च किए थे 125 अरब
पाकिस्तान की पूर्व सत्तासीन पार्टी पीपीपी ने मतदाताओं को रिझाने के लिए आश्चर्यजनक रूप से विभिन्न परियोजनाओं में अरबों खर्च किए थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक पार्टी ने पांच साल के कार्यकाल में अपने जन प्रतिनिधियों के द्वारा 125 अरब रुपये विकास परियोजनाओं पर खर्च किए। हालांकि इसके बाद भी
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की पूर्व सत्तासीन पार्टी पीपीपी ने मतदाताओं को रिझाने के लिए आश्चर्यजनक रूप से विभिन्न परियोजनाओं में अरबों खर्च किए थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक पार्टी ने पांच साल के कार्यकाल में अपने जन प्रतिनिधियों के द्वारा 125 अरब रुपये विकास परियोजनाओं पर खर्च किए। हालांकि इसके बाद भी पार्टी मतदाताओं को अपनी ओर रिझाने में असफल रही।
2008 से 2013 के बीच सरकार द्वारा किए गए खर्च पर आई मीडिया रिपोर्ट में फंड की अनियमितता का मामला भी उजागर हुआ है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार पीपीपी द्वारा पांच साल में खर्च की गई राशि इससे पहले के 23 सालों (1985-2008) की सरकारों द्वारा संयुक्त रूप से खर्च 33.8 अरब से चार गुना ज्यादा है। सरकार के दस्तावेजों और संबद्ध साक्षात्कारों के जरिए मतदाताओं को लुभाने की पीपीपी की कोशिशों का अंदाजा लगाया जा सकता है।
रिपोर्ट में बताया गया कि ध्यान देने की बात यह है कि सरकार की ओर से सबसे ज्यादा खर्च करने वाले 10 में से छह प्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्रों से चुनाव हार गए। रिपोर्ट में कहा गया कि दस्तावेजों को देखकर पता लगता है कि परियोजनाओं के फंड में भारी अनियमितता बरती गई। 2008 से 2013 के बीच प्रधानमंत्रियों यूसुफ रजा गिलानी और राजा परवेज अशरफ ने 125 अरब की 5,212 परियोजनाओं को मंजूरी दी। इनमें से 20 अरब की 1,930 परियोजनाओं के खर्च से जुड़ा कोई दस्तावेज नहीं उपलब्ध है। वहीं 1,823 परियोजनाएं ऐसी हैं जो कभी पूरी नहीं हुई। इनकी प्रगति की दर नौ फीसद से भी कम है।
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